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2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मुख्य आरोपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा तथा राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के आरोपी सुरेश कलमाड़ी को संसदीय स्थायी समितियों का सदस्य बनाए जाने में कांग्रेस को कुछ भी गलत नजर नहीं आता।
पार्टी प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा, ‘‘संसद के सदस्य का समिति में होना उनका अधिकार है चाहे उनके खिलाफ जो भी आरोप हों। सदस्यों को उनकी पार्टी नामित नहीं करती।’’ लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष चाको ने कहा कि हर सांसद को समिति में होने का हक है और उन्हें ‘‘उनके विशेषाधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।’’
यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस कलमाड़ी जैसे विवादास्पद सदस्यों से संसदीय समिति की सदस्यता नहीं स्वीकार करने को कह सकती है तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पार्टी ऐसा नहीं कर सकती। यह विशेषाधिकार है।’’ उन्होंने कहा कि सदस्य संसदीय समितियों के लिए अपनी पसंद बताते हैं और उसी मुताबिक उन्हें सदस्य बनाया जाता है।
लोकसभा में द्रमुक का प्रतिनिधित्व करने वाले राजा को ऊर्जा पर स्थायी समिति का सदस्य नामित किया गया है। लोकसभा में कांग्रेस सांसद कलमाड़ी को विदेश मामलों की स्थायी समिति में नामित किया गया है। संसदीय स्थायी समितियों को लघु संसद माना जाता है क्योंकि वे विधेयकों की गहन जांच-पड़ताल करते हैं और प्रस्तावित विधेयकों पर सुझाव देते हैं।
पिछले वर्ष 2 फरवरी को 2-जी घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए राजा इस वर्ष 15 मई से जमानत पर हैं। इस वर्ष 19 जनवरी को रिहा होने से पहले कलमाड़ी ने भी नौ महीने जेल में बिताए। 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित कुछ मामलों में आरोपी द्रमुक सांसद कनिमोझी को भी गृह मामलों की स्थायी समिति में नामित किया गया है।
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