लोकसभा में कांग्रेस (Congress) के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने सरकार के संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) न बुलाने के फैसले पर सवाल उठाया है. शीतकालीन सत्र बुलाने की उनकी मांग पर संसदीय कार्य मंत्री की ओर से दिए गए लिखित जवाब पर अधीर रंजन चौधरी ने NDTV से कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने के सरकार के फैसले से मुझे लगता है कि सरकार किसान आंदोलन (Farmers' Movement) को लेकर उठ रहे सवालों में फंस गई है. सरकार नहीं चाहती कि संसद (Parliament) में किसानों की मांगों पर चर्चा हो.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार की रणनीति कैरेट एंड स्टिक पॉलिसी की तरह है. वह कभी लुभाती है तो कभी डराती है. सरकार किसानों को थका देना चाहती है. यह सरकार की 'टायरिंग आउट पॉलिसी' की रणनीति है.... कभी ब्लो हॉट तो कभी ब्लो कोल्ड.
उन्होंने कहा कि हम किसानों का मुद्दा संसद के शीतकालीन सत्र में उठाना चाहते थे. संसद सर्वोच्च संस्था है. हम चाहते थे कि संसद में बहस हो और किसानों की समस्या का समाधान निकले. बढ़ती ठंड के बीच किसानों का जिस तरह आंदोलन चल रहा है वह देश की छवि के लिए अच्छा नहीं है.
ओम बिड़ला को अधीर रंजन चौधरी की चिट्ठी- तुरंत बुलाएं शीतकालीन सत्र, किसानों की समस्या बड़ी
चौधरी ने कही कि संसद का मानसून सत्र भी समय से पहले खत्म हो गया था. हम चाहते थे कि कन्वेंशन के मुताबिक संसद का शीतकालीन सत्र समय पर बुलाया जाए.
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