सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोरोना वैक्सीन (COVID-19 vaccine) के इमरजेंसी इस्तेमाल के आवेदनों को स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक कमेटी द्वारा मंजूरी नहीं मिल सकी. दोनों ही कंपनियों से अगली बैठक में और डाटा देने को कहा गया है. हालांकि बैठक की तारीख अभी तय नहीं है. वैक्सीन की उपयुक्तता पर अंतिम निर्णय ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया या डीजीसीआई द्वारा लिया जाएगा.
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फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के आवेदनों की समीक्षा करने के लिए बुधवार को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक हुई. सूत्रों ने बताया कि मंजूरी मिलना एक लंबी प्रक्रिया है आज की समीक्षा केवल शुरुआत है.घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सीरम इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने कहा, 'सरकार के लिए ऐसे मामलों में कई बैठकें आयोजित करना मानक प्रक्रिया है. प्रक्रिया एक या दो सप्ताह तक जारी रह सकती है.'
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पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता है, 6 दिसंबर को Oxford-AstraZeneca की वैक्सीन Covishield को मंजूरी के लिए आवेदन किया था.
फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने यूके और बहरीन में मंजूरी मिलने के बाद भारत में मंजूरी के लिए आवेदन किया है.
सोमवार को, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ऐसी तीसरी वैक्सीन निर्माता कंपनी बन गई जिसने DCGI के पास अपनी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन Covaxin के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले माह हैदराबाद और पुणे का दौरा कर कोरोना वैक्सीन से संबंधित प्रगति की समीक्षा की थी. चार दिसंबर को आयोजित सर्वदलीय बैठक में पीएम ने उम्मीद जताई थी कि कोविड-19 वैक्सीन अगले कुछ सप्ताह में तैयार हो सकती है.
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