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This Article is From Jun 30, 2012

प्रधानमंत्री न बन पाने का अफसोस नहीं : प्रणब मुखर्जी

नई दिल्ली: यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि उन्हें देश का प्रधानमंत्री न बन पाने का कोई अफसोस नहीं है। एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त को दिए एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात का अफसोस है कि लंबा राजनीतिक अनुभव होने के बावजूद वह प्रधानमंत्री नहीं बन सके, मुखर्जी ने कहा, उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं है।

प्रणब मुखर्जी ने अपने और ममता के बीच तनातनी की बात से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा कि ममता की अपनी मजबूरियां हैं। प्रणब ने यह भी कहा कि मैं इस बात को दोहरा रहा हूं कि मनमोहन सिंह बेहतरीन व्यक्तियों में से एक हैं और प्रधानमंत्री पद के काबिल व्यक्ति हैं। नेहरूजी और इंदिरा जी के बाद, वह तीसरे ऐसे व्यक्ति होंगे, जो प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल पूरा करेंगे।

मुखर्जी ने इस बात को रेखांकित किया कि राष्ट्रपति का पद ऐसा है कि यह मांगा नहीं जाता, बल्कि इसकी पेशकश की जाती है। पश्चिम बंगाल के एक गांव से ताल्लुक रखने वाले 77 वर्षीय पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनका नामांकन यह दर्शाता है कि देश में कोई भी इस सर्वाधिक उच्च संवैधानिक पद को हासिल कर सकता है।

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