सूत्रों के मुताबिक आरएसएस अपने कार्यक्रम के लिए राहुल गांधी को न्योता भेजेगा.
मुंबई:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) या पार्टी के किसी अन्य नेता के आरएसएस कार्यक्रम (RSS lecture) में भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. आरएसएस की अगले महीने व्याख्यान सीरीज में कांग्रेस अध्यक्ष को कथित तौर पर आमंत्रित करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, 'पहले पत्र (निमंत्रण) आने दें. यह (निमंत्रण) चुनावों को देखते हुए है.' 2019 के चुनावों से पहले पार्टी की महाराष्ट्र और मुंबई इकाई के कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद खड़गे संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ एक वैचारिक लड़ाई में लगी हुई है और पार्टी ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद भी छोड़ दिया. खड़गे ने कहा, 'कर्नाटक में, एक छोटी क्षेत्रीय पार्टी (जनता दल-सेक्युलर) के 37 विधायक हैं और हमारे 80 विधायक हैं. लेकिन हमने धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए उस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया. इसलिए (गांधी या कांग्रेस के किसी अन्य नेता के) आरएसएस मुख्यालय जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.'
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उन्होंने आरएसएस की विचारधारा को देश के लिए और दलितों और अन्य उत्पीड़ित वर्गों के लिए 'जहर' बताया. खड़गे ने कहा, 'अगर राहुल साहब मुझसे वहां (आरएसएस कार्यक्रम में) जाने के बारे में पूछते हैं, तो मैं उनसे कहूंगा कि वहां जाने का कोई सवाल ही नहीं है. ऐसे लोगों से जुड़ने का कोई इरादा नहीं है.' आरएसएस के सूत्रों ने दो दिन पहले दावा किया था कि वह गांधी को अगले महीने नई दिल्ली में तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में आमंत्रित कर सकता है. सूत्रों ने दावा किया था कि विचार अलग-अलग विचारधाराओं से लोगों को आमंत्रित करना है और सूची में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हो सकते हैं.
VIDEO : राहुल गांधी को न्योता देगा RSS!
इस बीच, खड़गे ने भाजपा नीत केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर मानवाधिकारों को 'कुचलने' और अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप लगाया. कांग्रेस के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी खड़गे ने सरकार पर बुद्धिजीवियों को 'आतंकित करने और धमकाने' का आरोप लगाया.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ एक वैचारिक लड़ाई में लगी हुई है और पार्टी ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद भी छोड़ दिया. खड़गे ने कहा, 'कर्नाटक में, एक छोटी क्षेत्रीय पार्टी (जनता दल-सेक्युलर) के 37 विधायक हैं और हमारे 80 विधायक हैं. लेकिन हमने धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए उस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया. इसलिए (गांधी या कांग्रेस के किसी अन्य नेता के) आरएसएस मुख्यालय जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.'
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उन्होंने आरएसएस की विचारधारा को देश के लिए और दलितों और अन्य उत्पीड़ित वर्गों के लिए 'जहर' बताया. खड़गे ने कहा, 'अगर राहुल साहब मुझसे वहां (आरएसएस कार्यक्रम में) जाने के बारे में पूछते हैं, तो मैं उनसे कहूंगा कि वहां जाने का कोई सवाल ही नहीं है. ऐसे लोगों से जुड़ने का कोई इरादा नहीं है.' आरएसएस के सूत्रों ने दो दिन पहले दावा किया था कि वह गांधी को अगले महीने नई दिल्ली में तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में आमंत्रित कर सकता है. सूत्रों ने दावा किया था कि विचार अलग-अलग विचारधाराओं से लोगों को आमंत्रित करना है और सूची में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हो सकते हैं.
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इस बीच, खड़गे ने भाजपा नीत केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर मानवाधिकारों को 'कुचलने' और अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप लगाया. कांग्रेस के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी खड़गे ने सरकार पर बुद्धिजीवियों को 'आतंकित करने और धमकाने' का आरोप लगाया.
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