नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने वाले एसडीएम पर कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा दबाव डाले जाने संबंधी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में नीरज कुमार ने कहा कि एसडीएम उषा चतुर्वेदी को बयान दर्ज करने से पहले पुलिस ने जानकारी दी थी। चतुर्वेदी ने पुलिस से जानकारी मांगी थी। कुमार ने सवाल उठाया कि यदि एसडीएम ने माहौल उपयुक्त नहीं पाया तो फिर उन्होंने बयान दर्ज ही क्यों किया।
कुमार ने कहा, "यदि स्थिति बयान दर्ज करने के लायक नहीं थी तो उन्हें बयान दर्ज नहीं करना चाहिए था। उन्होंने हमसे कोई शिकायत नहीं की। फिर अचानक हमे पता चलता है कि एक शिकायत दर्ज कराई गई है और उसकी प्रति मीडिया को दी गई है। यह बेहद दुखद है, क्योंकि इससे जांच पर असर पड़ सकता है।"
कुमार ने यह भी कहा कि एसडीएम ने शुरू में कहा कि वे व्यस्त हैं और 6 बजे शाम का समय दिया था। बाद में उन्होंने कहा कि दबाव है इसलिए वह अब 5 बजे आएंगी। वह दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचीं जहां से उन्हें एसीपी वसंत विहार अस्पताल ले कर गए।
चतुर्वेदी ने शिकायत की है कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप का प्रयास किया। उनकी शिकायत केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई है। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में नीरज कुमार ने कहा कि एसडीएम उषा चतुर्वेदी को बयान दर्ज करने से पहले पुलिस ने जानकारी दी थी। चतुर्वेदी ने पुलिस से जानकारी मांगी थी। कुमार ने सवाल उठाया कि यदि एसडीएम ने माहौल उपयुक्त नहीं पाया तो फिर उन्होंने बयान दर्ज ही क्यों किया।
कुमार ने कहा, "यदि स्थिति बयान दर्ज करने के लायक नहीं थी तो उन्हें बयान दर्ज नहीं करना चाहिए था। उन्होंने हमसे कोई शिकायत नहीं की। फिर अचानक हमे पता चलता है कि एक शिकायत दर्ज कराई गई है और उसकी प्रति मीडिया को दी गई है। यह बेहद दुखद है, क्योंकि इससे जांच पर असर पड़ सकता है।"
कुमार ने यह भी कहा कि एसडीएम ने शुरू में कहा कि वे व्यस्त हैं और 6 बजे शाम का समय दिया था। बाद में उन्होंने कहा कि दबाव है इसलिए वह अब 5 बजे आएंगी। वह दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचीं जहां से उन्हें एसीपी वसंत विहार अस्पताल ले कर गए।
चतुर्वेदी ने शिकायत की है कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप का प्रयास किया। उनकी शिकायत केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई है। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
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