वैचारिक मतभेदों के बावजूद नेहरू के इरादों पर कोई शक नहीं : राजनाथ सिंह

वैचारिक मतभेदों के बावजूद नेहरू के इरादों पर कोई शक नहीं : राजनाथ सिंह

पंडित जवाहरलाल नेहरू की 126वीं जयंती है

नई दिल्ली:

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 126वीं जयंती के मौके पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद, जनता के कल्याण और राष्ट्र निर्माण के प्रति नेहरू के काम करने के इरादों पर कोई शक नहीं कर सकता। सिंह ने यहां नेहरू की 126वीं जयंती समारोह के मौके पर कहा ‘ऐसे कई मुद्दे हैं जिनपर नेहरू के साथ हमारे मतभेद हैं । हमारे मतभेद उनकी नीतियों को लेकर हैं लेकिन हम जनता के कल्याण और राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने के उनके इरादों पर कोई शक नहीं कर सकते।’

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भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह ने कहा कि नेहरू जैसे नेताओं के अथक योगदान के चलते भारत में आज एक जीवंत संसद, एक कारगर नौकरशाही, स्वतंत्र न्यायपालिका और निडर प्रेस मिली हुई है। उन्होंने कहा ‘नेहरू जैसे नेताओं के योगदान के चलते ही भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना, भारत अब अपने लोकतंत्र की सफलता का उत्सव मना रहा है।’ सिंह के मुताबिक नेहरू के नेतृत्व के तहत ही देश ने भिलाई, राउरकेला में बड़े उद्योग, आईआईटी और आईआईएम जैसे शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों और परमाणु संयंत्रों की स्थापना की है।

राष्ट्रपति समेत कई नेताओं ने याद किया

इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने नेहरू को श्रद्धासुमन अर्पित किए। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट के जरिये नेहरू को याद किया। उन्होंने लिखा 'नेहरू का जीवन भारत को आजादी दिलाने और उसे आगे बढ़ाने में लगा। उनके जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'

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मुखर्जी, अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने यमुना के तट पर ‘शांति वन’ स्थित नेहरू की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित दी। इस मौके पर राजग नेताओं की अनुपस्थिति स्पष्ट नजर आई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ पार्टी नेता शीला दीक्षित, अजय माकन, आनंद शर्मा और भूपिंदर सिंह हुड्डा सहित अन्य नेताओं ने नेहरू को उनकी समाधि पर जा कर श्रद्धांजलि दी।