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This Article is From Jul 05, 2020

लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच PoK में पाकिस्तान की तरफ से कोई बड़ी तैनाती नहीं : सेना ने NDTV से कहा

पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी तनातनी के दौरान सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ऐसी कोई भी गतिविधयां नहीं देखीं जिससे लगे कि पाक वहां जल्दबाजी में सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा हो.

लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच PoK में पाकिस्तान की तरफ से कोई बड़ी तैनाती नहीं : सेना ने NDTV से कहा
नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी तनातनी के दौरान सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ऐसी कोई भी गतिविधयां नहीं देखीं जिससे लगे कि पाक वहां जल्दबाजी में सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा हो. भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू (Srinagar Corps Commander) ने NDTV से यह बात कही. उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान ने इलाके में रिजर्व फॉर्मेशन को तैनात किया है. 

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, कॉर्प्स कमांडर, 15 कॉर्प, श्रीनगर, ने NDTV को बताया कि, 'आज की बात करूं तो मुझे अपने क्षेत्र के दूसरी तरफ तैनाती या कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिख रही है. लेकिन पाकिस्तान ने अपनी रक्षात्मक मुद्रा को अपग्रेड किया है, जो आमतौर पर तनाव के समय करते हैं. हालांकि हम किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं.' उन्होंने आगे कहा, '(पाकिस्तान) ने अतिरिक्त रिजर्व फॉर्मेशन लगाया है, जो सामान्य रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि सबकुछ सामान्य है. मुझे इस स्तर पर पाकिस्तान का कोई दूसरा इरादा नहीं दिखता.'

हालांकि, उन्होंने कहा, पाकिस्तान अभी भी जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने और आतंकी घुसपैठ कराने का काम करता है. लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा, पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ करवाना बदस्तूर जारी है. वहां आतंकी लॉन्च पैड भरे हुए हैं. वहीं, करीब 300 लोग घुसपैठ के इंतजार में हैं. हालांकि हमारे लोग उनके स्वागत के लिए तैयार हैं... यह पाकिस्तान की घाटी में दहशत फैलाने की प्राथमिकता है.' 

हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख और भारत के सबसे वांटेड आतंकी रियाज नाइकू के मई में एनकाउंटर में हुए सफाये के बारे में उन्होंने कहा, 'यह कदम महत्वपूर्ण था, क्योंकि नाइकू में दूसरों को भर्ती करने की काबिलियत थी.'

लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, 'उसके पास अपने संगठन में लोगों को भर्ती करने की क्षमता थी. उसकी कमी हिज्बुल को बहुत ज्यादा खलेगी. यहां तक की दूसरे संगठन भी उसे याद करेंगे. हिज्बुल दूसरे समूहों को रसद और इंटेल देने का काम करता है. लंबे समय में आतंकियों पर काबू पाकर घाटी में शांति बहाल की जा सकती है.'

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