मुबई:
जो काम सालों से नहीं हो रहा था, उसे मीडिया ने तीन दिन में करवा दिया। मानखुर्द में अन्ना भाउ साठे नगर के स्कूली बच्चों को स्कूल गंदे नाले से होकर जाना पड़ता था। अब वहां एक पुल बन चुका है। खास बात यह है कि पुल किसी नेता या सरकार ने नहीं ठाणे के एक छात्र ईशान बलबले ने अपने पिता की मदद से तीन दिन में ही बनवाया है।
मानखुर्द की एक छोटी सी बस्ती में रहने वाले स्कूली बच्चों के नाले के गंदे पानी से चलकर जाने की मजबूरी वाली खबर एनडीटीवी ने पिछले शुक्रवार, यानी 21 अगस्त को दिखाई थी। 'सिर्फ अमीरों का विकास क्यों' शीर्षक से दिखाई गई उस खबर को देखने के बाद नेताओें ने तो सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन मुम्बई से सटे ठाणे जिले के छात्र ईशान बलबले ने खबर देखते ही अपने पिता से गुजारिश की और इलाके के लोगों से संपर्क कर तीन दिन में ही पैदल पुल बनवा दिया।
मानखुर्द की एक छोटी सी बस्ती में रहने वाले स्कूली बच्चों के नाले के गंदे पानी से चलकर जाने की मजबूरी वाली खबर एनडीटीवी ने पिछले शुक्रवार, यानी 21 अगस्त को दिखाई थी। 'सिर्फ अमीरों का विकास क्यों' शीर्षक से दिखाई गई उस खबर को देखने के बाद नेताओें ने तो सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन मुम्बई से सटे ठाणे जिले के छात्र ईशान बलबले ने खबर देखते ही अपने पिता से गुजारिश की और इलाके के लोगों से संपर्क कर तीन दिन में ही पैदल पुल बनवा दिया।
लकड़ी और बांस की बल्ली से बने इस पुल को बनाने में कुल 3 लाख रुपए खर्च हुए। जो इशान के पिता राजू बलबले ने अकेले ही व्यय किए। राजू बलबले रेनबो इंटरनेशनल स्कूल के ट्रस्टी हैं। पुल बन जाने से खुश होकर इलाके के लोगों ने बैनर लगाकर मीडिया का आभार जताया है।
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