नई दिल्ली:
सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एनएसजी कमांडों के हक की लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया। उन्होंने कहा कि मुम्बई में पाकिस्तानी आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले कुछ कमांडो आज भी रोजगार से वंचित हैं और उन्हें मुआवजा देने से भी इनकार किया जा रहा है।
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "अजमल कसाब को बुधवार को फांसी पर लटका दिया गया, लेकिन जो एनएसजी कमांडो इन आतंकवादियों से लड़े थे, वह आज भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"
केजरीवाल ने दावा किया कि कुछ कमांडो को बिना पेंशन दिए नौकरी से निकाल दिया गया और कुछ को चिकित्सा लाभ देने से इनकार किया जा रहा है। कुछ पूर्व एनएसजी कमांडो भी संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित थे।
केजरीवाल ने कहा, "कुछ को पेंशन दिए बिना नौकरी से निकाल दिया गया और वह अपने इलाज का खर्च स्वयं उठा रहे हैं। उनके लिए कोई सम्मान नहीं है।" उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई के दौरान घायल हुए एनएसजी सुरक्षाकर्मियों को मुआवजा पेशकश सम्बंधी बातों से राष्ट्र को गुमराह कर रही है।
केजरीवाल ने कहा, "11 घायलों को कुल 31 लाख रुपये दिया गया है, जिसमें से सुरेन्द्र सिंह को महज 2.5 लाख रुपये मिले।"
सम्मेलन में मौजूद पूर्व एनएसजी कमांडो सुरेन्द्र ने बताया, "दान गोविंद बल्लभ ट्रस्ट की ओर से दिया गया। प्रत्येक कमांडो को 2.5 लाख रुपये दिए गए थे। सेना ने पेंशन के लिए केवल चार कमांडो के नामों की सिफारिश की।"
सुरेन्द्र ने बताया, "जब मैंने पूछा कि मुझे शामिल क्यों नही किया गया, तो उन्होंने बताया कि जो गंभीर रूप से घायल हुए थे, वे ही इसके योग्य हैं। मैं न केवल गम्भीर रूप से घायल हुआ था, बल्कि मैंने अपनी नौकरी भी गंवा दी।"
सुरेन्द्र ने कहा, "उन्होंने बाद में मुझे असली कारण बताया। मुआवजा राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास स्थानांतरित कर दी गई थी।" उन्होंने कहा, "मुझे प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपये मिला है।"
इस संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कसाब को फांसी पर लटकाने के एक दिन बाद किया गया।
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "अजमल कसाब को बुधवार को फांसी पर लटका दिया गया, लेकिन जो एनएसजी कमांडो इन आतंकवादियों से लड़े थे, वह आज भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"
केजरीवाल ने दावा किया कि कुछ कमांडो को बिना पेंशन दिए नौकरी से निकाल दिया गया और कुछ को चिकित्सा लाभ देने से इनकार किया जा रहा है। कुछ पूर्व एनएसजी कमांडो भी संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित थे।
केजरीवाल ने कहा, "कुछ को पेंशन दिए बिना नौकरी से निकाल दिया गया और वह अपने इलाज का खर्च स्वयं उठा रहे हैं। उनके लिए कोई सम्मान नहीं है।" उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई के दौरान घायल हुए एनएसजी सुरक्षाकर्मियों को मुआवजा पेशकश सम्बंधी बातों से राष्ट्र को गुमराह कर रही है।
केजरीवाल ने कहा, "11 घायलों को कुल 31 लाख रुपये दिया गया है, जिसमें से सुरेन्द्र सिंह को महज 2.5 लाख रुपये मिले।"
सम्मेलन में मौजूद पूर्व एनएसजी कमांडो सुरेन्द्र ने बताया, "दान गोविंद बल्लभ ट्रस्ट की ओर से दिया गया। प्रत्येक कमांडो को 2.5 लाख रुपये दिए गए थे। सेना ने पेंशन के लिए केवल चार कमांडो के नामों की सिफारिश की।"
सुरेन्द्र ने बताया, "जब मैंने पूछा कि मुझे शामिल क्यों नही किया गया, तो उन्होंने बताया कि जो गंभीर रूप से घायल हुए थे, वे ही इसके योग्य हैं। मैं न केवल गम्भीर रूप से घायल हुआ था, बल्कि मैंने अपनी नौकरी भी गंवा दी।"
सुरेन्द्र ने कहा, "उन्होंने बाद में मुझे असली कारण बताया। मुआवजा राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास स्थानांतरित कर दी गई थी।" उन्होंने कहा, "मुझे प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपये मिला है।"
इस संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कसाब को फांसी पर लटकाने के एक दिन बाद किया गया।
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