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This Article is From Mar 27, 2016

राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए उत्तराखंड से बेहतर कोई 'उदाहरण' नहीं : जेटली

राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए उत्तराखंड से बेहतर कोई 'उदाहरण' नहीं : जेटली
अरुण जेटली का फाइल फोटो...
नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को आज सही ठहराते हुए कहा कि अनुच्छेद 356 लागू करने का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता, क्योंकि हरीश रावत सरकार 18 मार्च को विधानसभा में बहुमत 'हारने' के बाद से ही 'असंवैधानिक' और 'अनैतिक' थी।

अरुणाचल प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस ने इसे 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया। वहीं, अरुण जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार पिछले नौ दिन से हर रोज संवैधानिक प्रावधानों की 'हत्या' कर रही है।

पर्वतीय राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के कुछ ही समय बाद मीडिया से बातचीत में जेटली ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'आवश्यक, प्रासंगिक और अति महत्वपूर्ण आधार' पर यह फैसला किया।

उन्होंने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 356 को लगाने के लिए इससे बेहतर उदाहरण नहीं है। पिछले नौ दिन से हर रोज संविधान के प्रावधानों की हत्या की जा रही है।' जेटली ने कहा, 'यह न केवल उचित है बल्कि समय की मांग भी है कि ऐसी अनैतिक सरकार उत्तराखंड में नहीं रहे जो बहुमत खो चुकी है। उत्तराखंड में संविधान की पूरी तरह अवहेलना हुई।' गत 18 मार्च का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 71 सदस्यीय विधानसभा में अध्यक्ष को छोड़कर 67 सदस्य उपस्थित थे, जिनमें से 35 सदस्य विनियोग विधेयक पर मत-विभाजन चाहते थे।

जेटली के अनुसार 35 सदस्यों ने पहले ही पत्र लिखकर मत-विभाजन की मांग की थी, जिन्होंने विधेयक के खिलाफ वोट भी दिया, जिसके बावजूद स्पीकर ने विधेयक को पारित बताया। उन्होंने कहा, 'यह संविधान का पहला उल्लंघन था।'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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