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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेताओं पर जमकर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अब तक जिस सच का प्रदर्शन सार्वजनिक रूप से नहीं कर पा रही थी, उसे आज उसने सदन में प्रदर्शित कर दिया। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि बिहार भाजपा में बाहरी तत्वों का प्रवेश होने लगा था, जिससे गठबंधन चलाना संभव नहीं था। हम पर सिद्घांतों को थोपे जाने की कोशिशें होने लगी थीं।
नीतीश ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमारा देश और समाज विविधताओं से भरा है। यहां समावेशी नीति की जरूरत है। यही हमारा सिद्घांत है, और नीति भी है। इससे हम अलग नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि हमने बहुत पहले ही भाजपा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में स्पष्ट करने के लिए कहा था, परंतु हर समय इस मुद्दे को टाल दिया गया। उन्होंने कहा कि जब हम भाजपा गठबंधन में शामिल हुए थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का जमाना था। उस समय जद(यू) ने सभी विवादास्पद मुद्दों पर अपना नजरिया स्पष्ट कर दिया था। परंतु अब भाजपा नए युग में उन मुद्दों से पीछे हटने लगी थी, जिसके कारण मजबूरी में गठबंधन से अलग होने का फैसला करना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने परोक्ष रूप से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि आज देश कॉरपोरेट जगत की ओर से उड़ाई गई हवा से नहीं चलेगा। देश सभी को साथ लेकर चलने वाली नीति से आगे बढ़ेगा। अगर आज समावेशी हवा को रोका गया, तो देश बिखर जाएगा। उन्होंने कहा कि आज लोग समझ रहे हैं कि किसी खास व्यक्ति के पक्ष में देश में हवा चल रही है, परंतु यह भ्रम है।
नीतीश ने अपनी भावनाओं को जाहिर करने के लिए एक शेर का सहारा लिया : 'आया तो बार-बार संदेश अमीर का, हमसे ना हो सका सौदा जमीर का'।
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