पटना:
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बड़ा झटका देते हुए जद(यू) ने नरेंद्र मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल से नाता तोड़ दिया। इस तरह राष्ट्रीय राजनीति में 17 साल पुराने राजग को एक और मजबूत सहयोगी छोड़ गया।
राजग से अलग होते हुए बिहार में आठ साल पुरानी गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रही जद(यू) ने राज्य मंत्रिमंडल से भाजपा के 11 मंत्रियों को हटा दिया और नई परिस्थिति में 19 जून को विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत के लिए प्रस्ताव रखने का फैसला किया।
जद(यू) द्वारा ‘भावनात्मक रिश्तों’ को तोड़ देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ बताते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उससे सवाल किया कि 17 साल पुराने रिश्ते तोड़कर क्या वह कांग्रेस की मुराद पूरा करना चाहती है। उन्होंने यह भी साफ किया कि भाजपा मोदी के बारे में अपने फैसले को नहीं बदलेगी।
बिहार भाजपा ने जद(यू) के इस कदम को ‘‘विश्वासघात’’ बताते हुए ऐलान किया इसके विरोध में वह आगामी 18 जून को राज्य में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाएगी। इस दिन उसने राज्य में बंद आहूत किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन की बात आने पर सहयोगी दलों से परामर्श का बार-बार आश्वासन दिया था तथा जद(यू) ने स्वयं इसके लिए दिसंबर तक समय दिया था। इसके बावजूद जद(यू) ने गठबंधन को तोड़ दिया, जो बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है।
जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया।
राजग से अलग होते हुए बिहार में आठ साल पुरानी गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रही जद(यू) ने राज्य मंत्रिमंडल से भाजपा के 11 मंत्रियों को हटा दिया और नई परिस्थिति में 19 जून को विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत के लिए प्रस्ताव रखने का फैसला किया।
जद(यू) द्वारा ‘भावनात्मक रिश्तों’ को तोड़ देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ बताते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उससे सवाल किया कि 17 साल पुराने रिश्ते तोड़कर क्या वह कांग्रेस की मुराद पूरा करना चाहती है। उन्होंने यह भी साफ किया कि भाजपा मोदी के बारे में अपने फैसले को नहीं बदलेगी।
बिहार भाजपा ने जद(यू) के इस कदम को ‘‘विश्वासघात’’ बताते हुए ऐलान किया इसके विरोध में वह आगामी 18 जून को राज्य में ‘‘विश्वासघात दिवस’’ मनाएगी। इस दिन उसने राज्य में बंद आहूत किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन की बात आने पर सहयोगी दलों से परामर्श का बार-बार आश्वासन दिया था तथा जद(यू) ने स्वयं इसके लिए दिसंबर तक समय दिया था। इसके बावजूद जद(यू) ने गठबंधन को तोड़ दिया, जो बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है।
जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। इससे एक सप्ताह पहले ही मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपी गई थी जिसे उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की दिशा में ही एक कदम माना जा रहा है। शरद यादव ने राजग के संयोजक का पद भी छोड़ दिया।
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