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This Article is From Jan 30, 2020

नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को JDU से निकाला तो BJP ने कहा- अच्छा हुआ

बिहार भाजपा ने प्रशांत किशोर को पार्टी से निष्कासित किए जाने का स्वागत किया है, बिहार बीजेपी के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल कर अच्छा काम किया है.

नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को JDU से निकाला तो BJP ने कहा- अच्छा हुआ
प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

बिहार भाजपा ने प्रशांत किशोर को पार्टी से निष्कासित किए जाने का स्वागत किया है, बिहार बीजेपी के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल कर अच्छा काम किया है.  प्रवक्ता निखिल आनंद ने प्रशांत पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘प्रशांत किशोर को झूठ और प्रोपैगंडा फैलाने के लिए ‘पीएचडी इन मार्केटिंग, प्रोपैगंडा ऐंड थेथरोलॉजी' की मानद उपाधि मिलनी चाहिए.'' निखिल ने कहा,‘‘ प्रशांत ने जिस तरीके से भाजपा के शीर्षस्थ नेता और माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी पर टिप्पणी की और अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जी पर हमला किया है, उसके लिए उन्हें कतई माफ़ी नहीं मिलेगी. अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर सवाल उठाने वाले बड़बोले प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी ने बाहर निकाल कर अच्छा किया है.''

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निखिल ने उन पर प्रहार करते हुए कहा कि ये टुकड़े-टुकड़े गैंग और उनके समर्थकों के पक्ष में दुकान सजाने और बाजार बनाने के लिए स्वतंत्र हैं. संशोधित नागरिकता कानून की निंदा करने वाले दोनों नेताओं को जदयू से निकाले जाने से भाजपा को राहत मिलेगी जो घोषणा कर चुकी है कि उनका गठजोड़ इस साल के आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के नेतृत्व में लड़ेगा. जदयू नेताओं ने कहा कि मंगलवार को किशोर के ट्वीट के बाद पार्टी में उनका बने रहना अब असंभव हो गया है. जदयू के बयान में यह भी कहा गया कि दोनों पार्टी के फैसलों और कार्यशैली के खिलाफ काम करते आ रहे हैं जो अनुशासन तोड़ने के समान है.

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जदयू की तरफ से कहा गया था कि, ‘‘जदयू प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को उनकी प्राथमिक सदस्यताओं तथा सभी जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त करती है.'' जदयू ने कहा था कि किशोर ने पिछले कुछ महीने में कई विवादास्पद बयान दिये हैं. पार्टी का इशारा किशोर के शाह पर निशाना साधने तथा सीएए की लगातार निंदा करने की ओर था. हालांकि किशोर ने मंगलवार से पहले वर्मा की तरह नीतीश पर सीधा निशाना नहीं साधा था. जदयू ने कहा कि वर्मा को नीतीश कुमार से इतना सम्मान मिला जितने के वह हकदार भी नहीं थे लेकिन इसकी प्रशंसा करने के बजाय उन्होंने सोचा कि यह पार्टी की बाध्यता है. बिहार के मुख्यमंत्री की विचारधारा पर सवाल खड़े करने वाले वर्मा के खुले पत्रों का जिक्र करते हुए जदयू ने कहा कि पार्टी सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है लेकिन कुछ लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि उनके विचार पार्टी को चला सकते हैं.

किशोर और वर्मा दोनों की ही पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही है. किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सफल प्रचार अभियान में शामिल रहने के बाद चुनाव रणनीतिकार के तौर पर प्रसिद्ध हो गये. उन्होंने कई दलों के चुनाव प्रचार का प्रबंधन संभाला है. वर्मा पूर्व राजनयिक हैं और जदयू से राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. इन नेताओं के पार्टी से निष्कासन के फैसले को लल्लन सिंह और आर सी पी सिंह जैसे दिग्गज जदयू नेताओं के लिए राहत वाला माना जा रहा है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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