बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एनडीए में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शामिल होने का विरोध पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की अगुवाई वाला गुट लगातार कर रहा है. इसी को लेकर शरद गुट द्वारा पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई गई थी, जिसके विरोध में नीतीश गुट चुनाव आयोग पहुंचा. संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह और पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने चुनाव आयोग में जदयू के वरिष्ठ पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की ओर से शपथपत्र पेश किया.
त्यागी ने शपथपत्र में जदयू के 71 विधायकों, 30 विधान पार्षदों और लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों के नीतीश कुमार के प्रति समर्थन होने का दावा किया है। इसके अलावा जदयू के 20 में से 16 केन्द्रीय पदाधिकारियों, 16 प्रदेश अध्यक्षों 180 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद के 143 सदस्यों ने भी नीतीश के समर्थन में शपथपत्र दिये हैं. त्यागी ने आयोग से पार्टी के चुनाव चिन्ह पर शरद यादव गुट के दावे को खारिज करने की मांग करते हुये इस मामले में यथाशीघ्र फैसला करने का अनुरोध किया. पार्टी के दस राज्यसभा सदस्यों में से सांसद वीरेन्द्र कुमार ने दोनों गुटों से समान दूरी बनायी है, जबकि अली अनवर पहले ही शरद यादव गुट का समर्थन कर चुके हैं.
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इस बीच शरद यादव गुट की ओर से जदयू के महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि आगामी 17 सितंबर को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. उन्होंने कहा कि 18 सितंबर को होने वाली जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक स्थगित कर अब इसे आठ अक्टूबर को आहूत करने का फैसला किया गया है.
इन बैठकों के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक आहूत करने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को होता है. त्यागी ने आरोप लगाया कि शरद गुट जानबूझ कर इस मामले को आयोग में ले जाने की कोशिश कर रहा है, जिससे यादव राज्यसभा के सभापति से यह मामला आयोग में विचाराधीन होने के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द करने के आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने की मांग कर सकें.
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जदयू ने सभापति से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आधार पर यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है. चुनाव आयोग से पार्टी के चुनाव चिन्ह पर शरद यादव के दावे को खारिज करने की नीतीश कुमार गुट की मांग के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि नीतीश गुट के साथ भले ही विधायक और सांसद हों, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी और प्रदेश इकाईयां शरद यादव के साथ हैं. उन्होंने दलील दी कि कोई भी पार्टी, विधायकों और सांसदों से नहीं बल्कि पदाधिकारियों से बनती है.
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उन्होंने शरद यादव के स्वयं पार्टी से अलग होने के नीतीश गुट के दावे को भी गलत बताते हुये कहा कि जदयू के संविधान की धारा 10 के मुताबिक, पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाने वाला सदस्य स्वत: पार्टी से बाहर माना जाता है. श्रीवास्तव ने कहा कि पार्टी की पिछली कार्यकारिणी की बैठक में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुक्त भारत’ बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था, यादव पार्टी के इस फैसले के साथ हैं.इसलिये पार्टी के फैसले का उल्लंघन यादव ने नहीं राजग में शामिल होकर कुमार ने किया है.
(इनपुट भाषा से)
त्यागी ने शपथपत्र में जदयू के 71 विधायकों, 30 विधान पार्षदों और लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों के नीतीश कुमार के प्रति समर्थन होने का दावा किया है। इसके अलावा जदयू के 20 में से 16 केन्द्रीय पदाधिकारियों, 16 प्रदेश अध्यक्षों 180 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद के 143 सदस्यों ने भी नीतीश के समर्थन में शपथपत्र दिये हैं. त्यागी ने आयोग से पार्टी के चुनाव चिन्ह पर शरद यादव गुट के दावे को खारिज करने की मांग करते हुये इस मामले में यथाशीघ्र फैसला करने का अनुरोध किया. पार्टी के दस राज्यसभा सदस्यों में से सांसद वीरेन्द्र कुमार ने दोनों गुटों से समान दूरी बनायी है, जबकि अली अनवर पहले ही शरद यादव गुट का समर्थन कर चुके हैं.
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इस बीच शरद यादव गुट की ओर से जदयू के महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि आगामी 17 सितंबर को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. उन्होंने कहा कि 18 सितंबर को होने वाली जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक स्थगित कर अब इसे आठ अक्टूबर को आहूत करने का फैसला किया गया है.
इन बैठकों के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक आहूत करने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को होता है. त्यागी ने आरोप लगाया कि शरद गुट जानबूझ कर इस मामले को आयोग में ले जाने की कोशिश कर रहा है, जिससे यादव राज्यसभा के सभापति से यह मामला आयोग में विचाराधीन होने के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द करने के आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने की मांग कर सकें.
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जदयू ने सभापति से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आधार पर यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है. चुनाव आयोग से पार्टी के चुनाव चिन्ह पर शरद यादव के दावे को खारिज करने की नीतीश कुमार गुट की मांग के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि नीतीश गुट के साथ भले ही विधायक और सांसद हों, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी और प्रदेश इकाईयां शरद यादव के साथ हैं. उन्होंने दलील दी कि कोई भी पार्टी, विधायकों और सांसदों से नहीं बल्कि पदाधिकारियों से बनती है.
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उन्होंने शरद यादव के स्वयं पार्टी से अलग होने के नीतीश गुट के दावे को भी गलत बताते हुये कहा कि जदयू के संविधान की धारा 10 के मुताबिक, पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाने वाला सदस्य स्वत: पार्टी से बाहर माना जाता है. श्रीवास्तव ने कहा कि पार्टी की पिछली कार्यकारिणी की बैठक में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुक्त भारत’ बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था, यादव पार्टी के इस फैसले के साथ हैं.इसलिये पार्टी के फैसले का उल्लंघन यादव ने नहीं राजग में शामिल होकर कुमार ने किया है.
(इनपुट भाषा से)
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