NIT श्रीनगर (फाइल फोटो)
श्रीनगर:
NIT श्रीनगर के क़रीब 1200 छात्र अपने घर के लिये रवाना हो गए हैं। इन सभी छात्रों ने चल रही परीक्षा का बहिष्कार किया है। छात्रों के मुताबिक़, जिन हालत में परीक्षा हो रही है, उसमें वे परीक्षा नहीं दे सकते।
कैम्पस में पुलिस है, धारा 144 लगी हुई है, हमें अपने हॉस्टल से बाहर जाने तक भी मंज़ूरी नहीं मिल रही थी, ऐसे में पढ़ाई कैसे करते, इसीलिए हमने एग्ज़ाम बॉयकॉट किए हैं।
छात्रा ने कहा-हम यहां पर सुरक्षित नहीं हैं...
"हम अपने घर वापिस जा रहे हैं, आगे पता नहीं क्या होगा। लेकिन हम यहां पर अब सुरक्षित नहीं है," एक छात्रा का कहना है। उनके पिता के मुताबिक़, प्रशासन ने सिर्फ़ लोकल छात्रों की मांगों को तवज्जो दी, बाहरी छात्रों की एक भी मांग नहीं मानी और न ही परीक्षाएं टली, न प्रशासनिक स्टाफ़ बदला। बच्चे तंग आ चुके हैं।
हालांकि कुछ NIT छात्रों का कहना है कि परीक्षाएं हो रही हैं, ये अच्छी बात है। एक छात्र ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, मैं फ़ाइनल के एग्जाम दे रहा हूं। मेरी प्लेसमेंट भी हो चुकी है, अगर एग्जाम नहीं होते तो मेरा भविष्य ख़राब हो जाता।
प्रशासन का कहना है, एग्जामिनेशन्स शीट्स बाहर भेजी जाएंगी
NIT श्रीनगर में अप्रैल 11 से परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। सिर्फ़ लोकल छात्र ये परीक्षाएं दे रहे हैं। उधर प्रशासन का कहना है कि इस बार सभी एग्जामिनेशन्स शीट्स बाहर भेजी जाएंगी। मौजूदा टीचिंग स्टाफ़ पर छात्रों को डर है कि वे उनके ख़िलाफ़ अपनी खुन्दक आन्सर शीट्स में निकाल सकते थे।
बहरहाल जो छात्र घर वापिस गए उनके लिए टैक्सी भी कैम्पस में बुलायी गयी, उन्हें बाहर जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी। छात्रों ने कहा, "यहां हमारी आवाज़ को दबाया जा रहा है बाहर जाकर हम इस आंदोलन को दोबारा करेंगे और सही तस्वीर देश के आगे रखेंगे।''
कैम्पस में पुलिस है, धारा 144 लगी हुई है, हमें अपने हॉस्टल से बाहर जाने तक भी मंज़ूरी नहीं मिल रही थी, ऐसे में पढ़ाई कैसे करते, इसीलिए हमने एग्ज़ाम बॉयकॉट किए हैं।
छात्रा ने कहा-हम यहां पर सुरक्षित नहीं हैं...
"हम अपने घर वापिस जा रहे हैं, आगे पता नहीं क्या होगा। लेकिन हम यहां पर अब सुरक्षित नहीं है," एक छात्रा का कहना है। उनके पिता के मुताबिक़, प्रशासन ने सिर्फ़ लोकल छात्रों की मांगों को तवज्जो दी, बाहरी छात्रों की एक भी मांग नहीं मानी और न ही परीक्षाएं टली, न प्रशासनिक स्टाफ़ बदला। बच्चे तंग आ चुके हैं।
हालांकि कुछ NIT छात्रों का कहना है कि परीक्षाएं हो रही हैं, ये अच्छी बात है। एक छात्र ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, मैं फ़ाइनल के एग्जाम दे रहा हूं। मेरी प्लेसमेंट भी हो चुकी है, अगर एग्जाम नहीं होते तो मेरा भविष्य ख़राब हो जाता।
प्रशासन का कहना है, एग्जामिनेशन्स शीट्स बाहर भेजी जाएंगी
NIT श्रीनगर में अप्रैल 11 से परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। सिर्फ़ लोकल छात्र ये परीक्षाएं दे रहे हैं। उधर प्रशासन का कहना है कि इस बार सभी एग्जामिनेशन्स शीट्स बाहर भेजी जाएंगी। मौजूदा टीचिंग स्टाफ़ पर छात्रों को डर है कि वे उनके ख़िलाफ़ अपनी खुन्दक आन्सर शीट्स में निकाल सकते थे।
बहरहाल जो छात्र घर वापिस गए उनके लिए टैक्सी भी कैम्पस में बुलायी गयी, उन्हें बाहर जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी। छात्रों ने कहा, "यहां हमारी आवाज़ को दबाया जा रहा है बाहर जाकर हम इस आंदोलन को दोबारा करेंगे और सही तस्वीर देश के आगे रखेंगे।''
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