वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बैंक अपनी ताकत और कमजोरी को तौलकर ही विस्तार के बारे में सोचें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बैंकों को अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बनाते समय अपनी ताकत और कमजोरी का समुचित आकलन कर लेना चाहिए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बैंक अपनी ताकत और कमजोरी को तौलकर ही विस्तार के बारे में सोचें

निर्मला सीतारमण

खास बातें

  • सीतारमण ने कहा- बैंक अपनी ताकत और कमजोरी को तौलें
  • 'ताकत और कमजोरी को तौलने के बाद ही विस्तार के बारे में सोचें'
  • 'अनावश्यक रूप से काम का विस्तार नहीं करना चाहिए'
चेन्नई:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि बैंकों को अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बनाते समय अपनी ताकत और कमजोरी का समुचित आकलन कर लेना चाहिए. वह यहां तमिलनाडु में स्थापित सिटी यूनियन बैंक के 116वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं. सीतारमण ने कहा, ‘‘बैंक जैसी संस्थाओं को अपनी केंद्रीय शक्ति को समझना चाहिए और आम लोगों के लाभ के लिए मूल्यवर्धी सेवाएं जैसे कि फोन बैंकिंग और चैट बॉट जैसी सेवाएं शुरू करनी चाहिए. उन्हें अनावश्यक रूप से काम का विस्तार नहीं करना चाहिए,''

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उन्होंने कहा, ‘‘कारोबार के पैमाने का विस्तार (बैंक जैसी संस्थाओं के लिए) एक बीमारी जैसा है. एक चलन सा हो गया है कि हर किसी को कारोबार का पैमाना बढ़ाना चाहिए और कल को वह बढ़कर तिगुना हो जाना चाहिए. आज मैं (बैंक) तीन राज्यों में काम करता हूं तो कल हमें छह राज्यों में होना चाहिए. मैं (बैंक) तो पूरे देश में कदम बढ़ाना चाहता हूं. लेकिन बैंकों को यह अंदाज होना चाहिए कि इससे मेरी बुनियाद मजबूत होगी या मैं इससे कमजोर होउंगा.''

उन्होंने कहा कि बैंक के विस्तार करने के सामर्थ्य को कसौटी पर रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक जैसी नियामकीय संस्थाओं की भूमिका भी होती है. उल्लेखनीय है कि बैंकों को नयी शाखा खोलने के लिए नियामक से मंजूरी लेनी होती है. उन्होंने कहा कि आजकल देश में ‘बैंक' शब्द के नाम पर संदेह पैदा होने लगे हैं. ऐसे वातावरण में सिटी यूनियन बैंक पिछले 115 सालों से मजबूती के साथ अपना काम कर रहा है.

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सीतारमण ने कहा कि बैंकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनके कर्मचारी की एक छोटी सी गलती भी उनके काम पर सवाल खड़ा कर सकती है, यदि एक सहकारी बैंक में भ्रष्टाचार का कोई आरोप है तो सवाल उठने लगता है कि क्या बैंक में लोगों का पैसा सुरक्षित है? सिटी यूनियन बैंक की स्थापना 1904 में तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुई थी.  

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)