बहुचर्चित निर्भया कांड के दोषी औरंगाबाद के अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता ने परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दाखिल की है. न्यायधीश रामलाल शर्मा की अदालत में दायर की गई इस अर्जी में पुनीता ने उल्लेख किया है कि उसके पति को रेप मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें फांसी दी जानी है. हालाकि उसने अपने पति को निर्दोष बताते हुये कहा है कि फांसी के बाद उनकी विधवा बनकर वह नहीं रहना चाहती है. इसलिए उसे अपने पति से तलाक चाहिये.
पुनीता के वकील मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि हिन्दु विवाह अधिनियम के तहत कुछ खास मामलों में पीड़ित महिला को कानूनी अधिकार है कि वह अपने पति से तलाक ले सकती है. वकील ने बताया कि पुनीता के पति अक्षय ठाकुर को रेप के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है. ऐसे में पुनीता को अक्षय से तलाक लेने का पूरा पूरा कानूनी अधिकार है.
मामले में न्यायालय ने सुनवाई की तारीख 19 मार्च मुकर्रर की है. गौरतलब है कि निर्भया कांड के 4 आरोपियों में से 1 आरोपी अक्षय औरंगाबाद के नबीनगर प्रखंड के गांव लहंग करमा का रहने वाला है. जिसे अन्य 3 दोषियों के साथ 20 मार्च को फांसी दी जानी है.
वहीं, निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले के दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने आखिरी प्रयास के तहत उच्चतम न्यायालय में एक सुधारात्मक याचिका दायर की है. पवन गुप्ता ने यह सुधारात्मक याचिका उस पुनर्विचार याचिका को खारिज किये जाने के खिलाफ दायर की है जिसमें उसके किशोर होने का दावा खारिज किया गया था.
उच्चतम न्यायालय ने दोषी पवन गुप्ता की उस समीक्षा याचिका को 31 जनवरी को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अदालत के उस फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी जिसमें उसके नाबालिग होने के दावे को 20 जनवरी को खारिज कर दिया गया था.
पुनर्विचार याचिका न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने चैंबर में सुनवायी करके खारिज कर दी थी. पवन के अधिवक्ता ए पी सिंह ने मंगलवार को सुधारात्मक याचिका दायर किये जाने की पुष्टि की.
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