निर्भया कांड के दौरान विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
निर्भया गैंगरेप मामले के एक दोषी ने दावा किया है कि जेल में कुछ अन्य कैदियों ने मिलकर उसकी जमकर पिटाई की है।
कैदी विनय शर्मा का दावा है कि इस पिटाई में उसका बायां हाथ टूट गया है। उसका कहना है कि मंगलवार की रात को उसकी पिटाई की गई थी। इस घटना के बाद विनय ने कोर्ट से अपनी सुरक्षा की मांग की थी।
इस संबंद में विनय शर्मा ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में एक अपील दायर की है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में छह दोषियों में एक नाबालिग भी था।
मार्च 2013 को इस मामले का मुख्य आरोपी राम सिंह तिहाड़ जेल में अपने बैरेक में फांसी पर लटक गया था। राम सिंह उस बस का चालक था जिसमें पीड़िता और उसके मित्र ने सफर किया था और जिसमें हादसे को अंजाम दिया गया था।
जेल प्रशासन का कहना था कि राम सिंह ने आत्महत्या की थी। वहीं राम सिंह के वकील और परिवार का दावा था कि उसने आत्महत्या की थी।
फिलहाल चार दोषी तिहाड़ जेल की सबसे सुरक्षित सेल में हैं। सभी भी सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ कोर्ट में अपील दायर की है।
उल्लेखनीय है कि 23 वर्षीय पैरा मेडिकल की छात्रा के हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था जिसकी वजह से पूरे देश में और खास तौर पर दिल्ली में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया गया था।
जिस नाबालिग को इस मामले में कोर्ट ने मात्र तीन साल की सजा सुनाई थी उसका भी जोरदार विरोध हुआ था। इसी के बाद से जूविनाइल जस्टिस ऐक्ट को बदलने की मांग की जाने लगी है।
हाल में इस केस का एक दोषी मुकेश सिंह के एक बयान पर विवाद गहरा गया था जब उसने के डॉक्यूमेंट्री में आपत्तिजनक बयान दिया था।
कैदी विनय शर्मा का दावा है कि इस पिटाई में उसका बायां हाथ टूट गया है। उसका कहना है कि मंगलवार की रात को उसकी पिटाई की गई थी। इस घटना के बाद विनय ने कोर्ट से अपनी सुरक्षा की मांग की थी।
इस संबंद में विनय शर्मा ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में एक अपील दायर की है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में छह दोषियों में एक नाबालिग भी था।
मार्च 2013 को इस मामले का मुख्य आरोपी राम सिंह तिहाड़ जेल में अपने बैरेक में फांसी पर लटक गया था। राम सिंह उस बस का चालक था जिसमें पीड़िता और उसके मित्र ने सफर किया था और जिसमें हादसे को अंजाम दिया गया था।
जेल प्रशासन का कहना था कि राम सिंह ने आत्महत्या की थी। वहीं राम सिंह के वकील और परिवार का दावा था कि उसने आत्महत्या की थी।
फिलहाल चार दोषी तिहाड़ जेल की सबसे सुरक्षित सेल में हैं। सभी भी सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ कोर्ट में अपील दायर की है।
उल्लेखनीय है कि 23 वर्षीय पैरा मेडिकल की छात्रा के हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था जिसकी वजह से पूरे देश में और खास तौर पर दिल्ली में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया गया था।
जिस नाबालिग को इस मामले में कोर्ट ने मात्र तीन साल की सजा सुनाई थी उसका भी जोरदार विरोध हुआ था। इसी के बाद से जूविनाइल जस्टिस ऐक्ट को बदलने की मांग की जाने लगी है।
हाल में इस केस का एक दोषी मुकेश सिंह के एक बयान पर विवाद गहरा गया था जब उसने के डॉक्यूमेंट्री में आपत्तिजनक बयान दिया था।
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