केंद्र सरकार में मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के बयान पर मचे बवाल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में बयान दिया और विपक्ष से इस मामले को खत्म कर सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने माना कि मंत्री को बोलते समय मर्यादा नहीं तोड़नी चाहिए थी। मोदी ने कहा कि मंत्री ने अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है, इसलिए विपक्ष अब सदन को चलने दे।
पीएम ने कहा, इस बयान को लेकर जो विवाद चल रहा है, तो आप सबको मालूम है कि मैंने पार्टी मेंबर्स की मीटिंग में कठोरता से इस प्रकार की भाषा को नामंजूर किया। मैंने यह भी कहा कि हमें इन चीजों से बचना चाहिए। उसी के तहत मंत्री, जो नई हैं, पहली बार आई हैं, उन्होंने क्षमा मांग ली... मैं मानता हूं कि यह हम सबके लिए एक संदेश भी है, हम सबलोग मर्यादा न तोड़ें और देशहित में अपने कार्य को आगे बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री ने साध्वी निरंजन ज्योति का उल्लेख करते हुए कि वह नई मंत्री हैं और हम उनकी पृष्ठभूमि भी जानते हैं। मोदी ने कहा, आप (विपक्ष के सांसद) इतने वरिष्ठ हैं... आपको क्षमा का भाव रखना चाहिए।
प्रधानमंत्री के बयान के बाद भी सदन में हंगामा होता रहा और विपक्ष मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा। लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट होकर सदन से वॉकआउट कर गया।
दरअसल निरंजन ज्योति ने दिल्ली में अपने भाषण के दौरान बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसके बाद वह लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं।
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