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This Article is From Nov 24, 2016

एनआईए ने 3 बैंकों से जाकिर नाइक और IRF के खातों से लेन-देन पर तत्काल रोक लगाने को कहा

एनआईए ने 3 बैंकों से जाकिर नाइक और IRF के खातों से लेन-देन पर तत्काल रोक लगाने को कहा
जाकिर नाईक की फाइल फोटो
नई दिल्ली: विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक और उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की माली तौर पर कमर तोड़ने की कवायद के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बैंकों से कहा कि वे नाइक और आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबंधित आईआरएफ के बैंक खातों से होने वाली सभी लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन बैंकों में नाइक और आईआरएफ के खाते हैं, उन्हें कहा गया है कि वे अगले आदेश तक दोनों के खातों से होने वाले लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं.

एनआईए ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के अलावा आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के खिलाफ हरकतें करना) के तहत नाइक, आईआरएफ और संस्था के अज्ञात पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद तीन दिनों में 20 ठिकानों पर छापे मारे गए, जिसमें नाइक और आईआरएफ से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों और उनके बैंक खातों के ब्योरे जब्त किए गए.

सूत्रों ने कहा कि नाइक और आईआरएफ के बैंक खातों को ब्लॉक करने का कदम एनआईए के इस दावे के बाद उठाया गया कि उसने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं, जिससे पता चलता है कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में कथित तौर पर भर्ती हुए अबु अनस ने अक्तूबर 2015 में आईआरएफ से छात्रवृति के तौर पर 80,000 रुपये प्राप्त किए थे.

इसके अलावा, एनआईए ने सभी 72 सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों को नाइक, उसके परिजन, करीबी दोस्तों और संगठनों सहित 12 से ज्यादा लोगों की एक सूची सौंपकर यह पता करने को कहा है कि क्या इन वित्तीय संस्थाओं में इन लोगों का कोई बैंक खाता है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने तीन निजी बैंकों को नोटिस भेजकर कहा है कि वे नाइक और अन्य के खातों से होने वाले लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं और यह रोक अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी. बीती रात खत्म हुई तीन दिनों से चल रही छापेमारी में इन सक्रिय खातों का पता लगा था.

दोनों पत्रों में एनआईए ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 43 का जिक्र किया है, ताकि उसके फरमानों पर अमल किया जाए. इस धारा के तहत डीएसपी रैंक से ऊपर का एनआईए का कोई अधिकारी बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर सकता है.

एनआईए ने यूएपीए की विभिन्न धाराओं के अलावा आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के खिलाफ हरकतें करना) के तहत नाइक, आईआरएफ और संस्था के अज्ञात पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद तीन दिनों में 20 ठिकानों पर छापे मारे गए जिसमें नाइक और आईआरएफ से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों और उनके बैंक खातों के ब्योरे जब्त किए गए.

पेशे से इंजीनियर और राजस्थान के टोंक जिले के रहने वाले अनस को जनवरी में एनआईए ने जब गिरफ्तार किया था, उस वक्त उसने हैदराबाद स्थित एक कंपनी की नौकरी छोड़ दी थी. अनस पर गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवादी हमले की कथित योजना बनाने का आरोप है. उस वक्त अनस आईएसआईएस से रिश्तों के आरोप में गिरफ्तार किया गया 16वां शख्स था. एनआईए ने दावा किया कि आईआरएफ की फंडिंग और धन के वितरण की छानबीन में पता चला कि अनस ने छात्रवृति के तौर पर 80,000 रुपये आईआरएफ से प्राप्त किए थे.

सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखा है कि वह आईआरएफ की ओर से संचालित वेबसाइट पर पाबंदी लगाए और उसकी ऑनलाइन गतिविधियों पर रोक लगाए, जिसमें सोशल नेटवर्किंग साइटों पर भाषणों के वीडियो डालना शामिल है.

गृह मंत्रालय वेबसाइट की यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को ब्लॉक करने के लिए एनआईए के अनुरोध को सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय के पास भेज देगा. एनआईए 19 नवंबर से ही छापेमारी कर रही है और उसने मुंबई में कम से कम 20 ऐसे परिसरों पर छापे मारे हैं जो आईआरएफ या उसके ट्रस्टियों से संबंधित हैं.

छापेमारियों के दौरान नाइक के भाषणों के वीडियो टेप और डीवीडी, संपत्ति एवं निवेश से जुड़े दस्तावेज, वित्तीय लेन-देनों के दस्तावेज, आईआरएफ को होने वाली विदेशी और घरेलू फंडिंग से जुड़ी जानकारी और इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज उपकरणों की बरामदगी हुई है.

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