नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश के 'खूनी' व्यापमं घोटाले में एक रहस्यमयी महिला का नाम सामने आया है। इस घोटाले के कई आरोपियों और गवाहों की एक के बाद एक हुई संदिग्ध मौतों ने काफी राजनीतिक बवाल मचा रखा है।
NDTV को स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानी STF की एफ़आईआर की कॉपी हासिल हुई है, जिसमें किसी 'मंत्राणी' नामक महिला का ज़िक्र किया गया है।
घोटाले के एक प्रमुख आरोपी पंकज त्रिवेदी से मिले डाटा के आधार पर इस महिला का नाम सामने आया है। एसटीएफ द्वारा जब्त त्रिवेदी के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में एक्सल शीट्स में राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की खरीद-फरोख्त में शामिल लोगों के नाम दर्ज हैं।
ऐसे ही एक कॉलम में 'मंत्राणी' के नाम पर एंट्री है। एसटीएफ द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद त्रिवेदी ने जानबूझकर इस बारे में अनभिज्ञता जताई। एफआईआर के मुताबिक उसने जांचकर्ताओं को बताया कि 'मंत्राणी' या तो कोई महिला मंत्री हैं या किसी मंत्री की पत्नी हैं।
इस नए खुलासे से राज्य में विपक्षी कांग्रेस को नया हथियार मिल गया है। विपक्ष का कहना है कि एसटीएफ को यह बताना चाहिए कि उन्होंने इस जानकारी को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने का काम क्यों नहीं किया। साथ ही एफआईआर में मंत्राणी का नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया, जबकि इसमें राज्यपाल रामनरेश यादव समेत कई अन्य आरोपियों के नाम दर्ज हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी को भी इस मामले से जोड़ने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि सीएम की पत्नी का खनन माफिया और इस घोटाले के एक अहम आरोपी के साथ संबंध हैं।
हालांकि शिवराज सिंह चौहान ने एनडीटीवी से बात करते हुए इसे दिग्विजय सिंह जैसे नॉन सीरियस नेता द्वारा घटिया और स्तरहीन राजनीति करार दिया। लेकिन अब उसी एसटीएफ के पास मौजूद यह डाटा जो बिल्कुल सही और बिना छेड़छाड़ का माना जा रहा है, सवाल उठा रहा है कि क्या यह पता चल पाएगा कि आखिर यह 'मंत्राणी' कौन है।
NDTV को स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानी STF की एफ़आईआर की कॉपी हासिल हुई है, जिसमें किसी 'मंत्राणी' नामक महिला का ज़िक्र किया गया है।
घोटाले के एक प्रमुख आरोपी पंकज त्रिवेदी से मिले डाटा के आधार पर इस महिला का नाम सामने आया है। एसटीएफ द्वारा जब्त त्रिवेदी के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में एक्सल शीट्स में राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की खरीद-फरोख्त में शामिल लोगों के नाम दर्ज हैं।
ऐसे ही एक कॉलम में 'मंत्राणी' के नाम पर एंट्री है। एसटीएफ द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद त्रिवेदी ने जानबूझकर इस बारे में अनभिज्ञता जताई। एफआईआर के मुताबिक उसने जांचकर्ताओं को बताया कि 'मंत्राणी' या तो कोई महिला मंत्री हैं या किसी मंत्री की पत्नी हैं।
इस नए खुलासे से राज्य में विपक्षी कांग्रेस को नया हथियार मिल गया है। विपक्ष का कहना है कि एसटीएफ को यह बताना चाहिए कि उन्होंने इस जानकारी को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने का काम क्यों नहीं किया। साथ ही एफआईआर में मंत्राणी का नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया, जबकि इसमें राज्यपाल रामनरेश यादव समेत कई अन्य आरोपियों के नाम दर्ज हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी को भी इस मामले से जोड़ने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि सीएम की पत्नी का खनन माफिया और इस घोटाले के एक अहम आरोपी के साथ संबंध हैं।
हालांकि शिवराज सिंह चौहान ने एनडीटीवी से बात करते हुए इसे दिग्विजय सिंह जैसे नॉन सीरियस नेता द्वारा घटिया और स्तरहीन राजनीति करार दिया। लेकिन अब उसी एसटीएफ के पास मौजूद यह डाटा जो बिल्कुल सही और बिना छेड़छाड़ का माना जा रहा है, सवाल उठा रहा है कि क्या यह पता चल पाएगा कि आखिर यह 'मंत्राणी' कौन है।
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