केरल में वैज्ञानिकों ने मीठे पानी की मछली की नयी प्रजाति की खोज की है. वैज्ञानिकों ने रविवार को बताया कि सबटेरेनियन स्नेकहेड प्रजाति से संबंधित यह मछली पिछले साल पथनमथिट्टा जिले के तिरुवला में एक घर के कुएं से बरामद हुई थी. यह नयी मछली ‘वराल' एवं ‘चेर मीन' परिवार से संबंधित है. इसकी विशेषता है कि इसका आकार छोटा, मुंह बड़ा और शरीर चौड़ा है और सबसे आश्चर्यजनक है कि उसके पेक्टोरल फिन बहुत बड़े हैं.ऐसा अनुमान है कि इन चौड़े पंखों की प्रकृति संवेदनाओं को ग्रहण करने वाली हो और मछली स्पर्श के माध्यम से अपना रास्ता तलाशने के लिए इनका इस्तेमाल करती हो.
केरल मीठे जल के स्रोतों के लिहाज से समृद्ध माना जाता है. आईसीएआर के पेनिनसुलर एंड मरीन फिश जेनेटिक रिसोर्सेज सेंटर- नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज के शोधकर्ताओं ने इन प्रजातियों को एंगिमछाना महाबली के तौर पर वर्णित किया है. यह मछली तिरुवला के निवासी अरुण विश्वनाथ ने अप्रैल 2018 में अपने घर के कुएं से पकड़ी थी.
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