नई दिल्ली:
तलाक की स्थिति में वैवाहिक संपत्ति में महिला के अधिकार से संबंधित प्रावधानों को लेकर मंत्रियों के बीच मतभेद के कारण प्रधानमंत्री ने आज विवादास्पद विवाह कानून (संशोधन) विधेयक को मंत्रियों के समूह को सौंप दिया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के मसौदे पर लंबी चर्चा हुई लेकिन किसी सहमति पर नहीं पंहुचा जा सका और मामले को मंत्रियों के समूह को विचार के लिए सौंप दिया गया।
कानून मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि महिला को तलाक की स्थिति में उसके पति की आवासीय संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए और इसमें उसकी विरासत वाली तथा विरासत योग्य आवासीय संपत्ति शामिल है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि विरासत वाली संपत्ति और विवाह से पूर्व पति द्वारा अर्जित संपत्ति से महिलाओं के अधिकार को इस कानून में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में कानून में इस प्रस्तावित संशोधनों पर दो से अधिक घंटे चर्चा की।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के मसौदे पर लंबी चर्चा हुई लेकिन किसी सहमति पर नहीं पंहुचा जा सका और मामले को मंत्रियों के समूह को विचार के लिए सौंप दिया गया।
कानून मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि महिला को तलाक की स्थिति में उसके पति की आवासीय संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए और इसमें उसकी विरासत वाली तथा विरासत योग्य आवासीय संपत्ति शामिल है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि विरासत वाली संपत्ति और विवाह से पूर्व पति द्वारा अर्जित संपत्ति से महिलाओं के अधिकार को इस कानून में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में कानून में इस प्रस्तावित संशोधनों पर दो से अधिक घंटे चर्चा की।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
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