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This Article is From Oct 07, 2015

नेपाल के राजदूत ने कहा, दोनों देश रिश्तों में आई तल्खी बुरे सपने की तरह भूल जाएं

नेपाल के राजदूत ने कहा, दोनों देश रिश्तों में आई तल्खी बुरे सपने की तरह भूल जाएं
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दीप कुमार उपाध्याय।
नई दिल्ली: भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने आज कहा कि बीते दिनों भारत-नेपाल के रिश्तों में जो तल्ख़ी आई है उसे एक बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के जिस प्रकार के करीबी रिश्ते हैं उसकी तुलना किसी भी दूसरे देश के साथ नहीं की जा सकती। नेपाल में नए संविधान पर बवाल हो रहा है। भारत का मानना है कि सबको साथ लेकर चलने वाला संविधान ही शांति ला पाएगा। नेपाल के राजदूत ने बताया कि संविधान से असंतुष्टों से बातचीत करने के लिए पीस कमेटी बनाई गई है।

नेपाल के नए संविधान का विरोध
नेपाल के संविधान को समझने के लिए दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने उक्त बात कही। इस कार्यक्रम में कुछ लोगों ने नए संविधान के खिलाफ नारेबाजी भी की। उन्हें पुलिस ने कुछ देर के लिए हिरासत में भी लिया।

ट्रकों के रुकने से नेपाल में जनजीवन पर बुरा असर
उपाध्याय ने यह भी कहा कि जरूरी सामान लेकर जाने वाले ट्रकों के नेपाल न जाने से वहां की लाइफ-लाइन बुरी तरह प्रभावित हो रही है। पेट्रोल, मेडिकल सप्लाई बहुत ज्यादा प्रभावित हुए है। ऐसा तो लड़ाई के हालात में होता है। नेपाल ने भारत से इस स्थिति को जल्द से जल्द ठीक करने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि नेपाल प्रगति में भारत के साथ चलना चाहता है।

भारत का नाकाबंदी करने से इनकार
उधर भारत ने साफ कहा है कि भारत की तरफ से कोई नाकाबंदी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक हालात उस तरफ खराब हैं और अभी भी सामान लिए 5375 ट्रक पांच एंट्री पाइंट पर खड़े हैं। हालांकि करीब पांच सौ ट्रक नेपाल में पिछले दो दिनों में दाखिल हो पाए हैं। भारत का मानना है कि सभी पक्षों से बातचीत से ही समस्या सुलझेगी और हालात सामान्य होंगे।

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