भूकंप की वजह से सड़कों पर दरारें पड़ गई
नई दिल्ली:
7.9 की तीव्रता के भूकंप से थर्राए नेपाल को हर तरह की मदद का भरोसा दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस भूकंप ने हम सभी को आहत किया है। नेपाल का दर्द हमारा दर्द है।' ज्ञानपीठ पुरस्कार समारोह में बोलते हुए पीएम ने कहा, 'अभी भी वहां से तबाही की खबरें आ रही हैं। हमने नेपाल को हर तरह की मदद देने का भरोसा दिया है और अधिकारियों को तत्काल नेपाल को राहत पहुंचाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के भूकंप प्रभावित इलाकों और नेपाल के लिए राहत एवं बचाव टीमें फौरन भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने इस पड़ोसी देश में फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए उपयुक्त इंतजाम करने का भी आदेश दिया।
उन्होंने भूकंप से पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसके बाद यह निर्देश आया। बैठक में वित्तमंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शरीक हुए।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री को भारत में विभिन्न स्थानों पर और नेपाल में हुई जान माल की क्षति से अवगत कराया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि नेपाल के लिए और भारत के प्रभावित इलाकों के लिए मेडिकल टीम सहित राहत एवं बचाव टीमें फौरन रवाना की जाएं। बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को फंसे हुए पर्यटकों को निकालने में सहायता के लिए भी उपयुक्त इंतजाम करने को कहा।
इससे पहले मोदी ने नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से बात की तथा इस मुश्किल घड़ी में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से बात की, जो काठमांडो आने के अपने रास्ते बैंकॉक में हैं। इस कठिन घड़ी में हर समर्थन और सहायता का आश्वासन दिया।'
प्रधानमंत्री देश और साथ ही साथ नेपाल में भूकंप से पैदा हुई स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से करीबी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने पहले नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव से बातचीत की, क्योंकि कोईराला विदेश में थे और उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि बाद में मोदी ने बाद में कोइराला से बात की और भूकंप की वजह से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए 'हर तरह की मदद का आश्वासन दिया'।
प्रधानमंत्री ने नेपाल से लगने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों के जिलों की स्थिति की भी जानकारी भी हासिल की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी बात की। अजीत सेठ की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार की संकट प्रबंधन समिति हालात पर नजर रखे हुए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के भूकंप प्रभावित इलाकों और नेपाल के लिए राहत एवं बचाव टीमें फौरन भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने इस पड़ोसी देश में फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए उपयुक्त इंतजाम करने का भी आदेश दिया।
उन्होंने भूकंप से पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसके बाद यह निर्देश आया। बैठक में वित्तमंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शरीक हुए।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री को भारत में विभिन्न स्थानों पर और नेपाल में हुई जान माल की क्षति से अवगत कराया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि नेपाल के लिए और भारत के प्रभावित इलाकों के लिए मेडिकल टीम सहित राहत एवं बचाव टीमें फौरन रवाना की जाएं। बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को फंसे हुए पर्यटकों को निकालने में सहायता के लिए भी उपयुक्त इंतजाम करने को कहा।
इससे पहले मोदी ने नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से बात की तथा इस मुश्किल घड़ी में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से बात की, जो काठमांडो आने के अपने रास्ते बैंकॉक में हैं। इस कठिन घड़ी में हर समर्थन और सहायता का आश्वासन दिया।'
प्रधानमंत्री देश और साथ ही साथ नेपाल में भूकंप से पैदा हुई स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से करीबी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने पहले नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव से बातचीत की, क्योंकि कोईराला विदेश में थे और उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि बाद में मोदी ने बाद में कोइराला से बात की और भूकंप की वजह से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए 'हर तरह की मदद का आश्वासन दिया'।
प्रधानमंत्री ने नेपाल से लगने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों के जिलों की स्थिति की भी जानकारी भी हासिल की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी बात की। अजीत सेठ की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार की संकट प्रबंधन समिति हालात पर नजर रखे हुए है।
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