सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि NEET-UG Exam की 12 सितंबर को हुई परीक्षा रद्द नहीं होगी. सोमवार को दिए फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा कराने की याचिका खारिज की. कोचिंग सेंटरों और पेपर हल करने वाले गिरोहों की CBI से FIR दर्ज कराने की मांग भी खारिज कर दी गई. जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने कहा कि ये याचिका तुच्छ है. किस तरह की रिट दायर की गई है? कोर्ट ने कहा, लाखों लोगों ने ये परीक्षाएं दी हैं.
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अदालत उस परीक्षा में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही है जहां साढ़े सात लाख छात्रों ने परीक्षा दी है. पांच FIR के आधार पर परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती. हालांकि अदालत ने शुरुआत में पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाने की बात कही लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया.
पीठ ने कहा कि हम आदेश में ये कहेंगे कि जुर्माने की राशि वकील से वसूली जाए जिसने याचिका की सलाह दी है. दरअसल याचिका में पेपर लीक और कदाचार का आरोप लगाया गया है. कहा गया है कि इस याचिका के लंबित रहने के दौरान परिणामों की घोषणा पर रोक लगाई जाए और फिर नए सिरे से NEET परीक्षा कराई जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, याचिका में परीक्षा के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ाने के निर्देश भी जारी करने की मांग की गई थी. सीबीआई/ राजस्थान, यूपी के डीजीपी को एक हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी मांगा गया था. NEET उम्मीदवारों की याचिका में कहा गया है कि वास्तविक, योग्य और मेधावी उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए परीक्षा दोबारा से की जाए. परीक्षा में धोखाधड़ी छात्रों के भविष्य के बारे में गंभीर चिंता का विषय और परीक्षा की पवित्रता और सुरक्षा का उल्लंघन है.
यह याचिका नीट उम्मीदवारों ने अधिवक्ता ममता शर्मा के माध्यम से दायर की थी. इसमें कहा गया है एक आपराधिक साजिश के तहत नामी कोचिंग सेंटर और पेपर हल करने वाले गैंग द्वारा पेपर लीक किया गया था. परीक्षा के दिन ही सीबीआई ने 4 आरोपियों और अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
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