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This Article is From Dec 02, 2016

नकदी संकट से जूझ रहे लोगों की कम नहीं हो रहीं दिक्कतें, मांग अधिक आपूर्ति कम

नकदी संकट से जूझ रहे लोगों की कम नहीं हो रहीं दिक्कतें, मांग अधिक आपूर्ति कम
नई दिल्ली: नकदी संकट से जूझ रहे लोगों की दिक्कतें कम नहीं हुई हैं. एटीएम से पैसा जल्दी गायब हो रहा है और बैंकों को भी अधिक से अधिक ग्राहकों को नकदी उपलब्ध कराने के लिए ‘करेंसी की राशनिंग’ करनी पड़ रही है. बैंकों में इस समय ऐसे लोग की भीड़ अधिक है जो अपना वेतन निकालना चाहते हैं.

देशभर से इस तरह की खबरें हैं कि बैंक शाखाओं को वेतन के दिन के लिए पर्याप्त नकदी उपलब्ध नहीं कराई गई है. जहां रिजर्व बैंक ने साप्ताहिक निकासी की सीमा 24,000 रुपये तय की है वहीं बैंक खुद ही इस सीमा को और कम कर रहे हैं जिससे अधिक से अधिक लोगों को नकदी उपलब्ध कराई जा सके.

एटीएम भी लोगों के मददगार साबित नहीं हो रहे हैं. जैसे ही एटीएम में पैसा डाला जाता है इतनी भीड़ जुट जाती है कि उनमें नकदी कुछेक देर में समाप्त हो जाती है. बहुत से एटीएम ऐसे हैं जिनसे सिर्फ 2,000 रुपये का नोट निकल रहा है. सूत्रों ने बताया कि बैंकों ने रिजर्व बैंक से एसओएस कॉल के जरिये अगले चार-पांच दिन के लिए अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराने को कहा है. कई बैंक शाखाओं से गरमा-गरमी होने की खबरें भी आ रही हैं.

इस बीच, आल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि नोटबंदी की वजह से आज बैंक कर्मियों को तनाव, बहस, लड़ाई, अपमान, र्दुव्‍यवहार का सामना करना पड़ रहा है. इससे उन पर मानसिक और शारीरिक दबाव पड़ रहा है.

कई ऐसे मामले भी आए हैं जब गुस्साए लोगों ने बाहर से बैंक शाखाओं पर ताला लगा दिया है. एआईबीईए ने कहा कि स्थिति काफी खराब हो चुकी है और अब बैंक कर्मचारी धैर्य खोने की राह पर हैं. एआईबीईए ने कहा कि रिजर्व बैंक नोटों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठाए और बैंकों को आपूर्ति किए गए नोटों की दैनिक आधार पर घोषणा की जाए.


(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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