राइट लेन को बनाइए लाइफ लेन, एनडीटीवी इंडिया की मुहिम। इसके तहत हमने सड़कों की हालत और उसमें जूझते एंबुलेंस की हकीकत दिखाई। कोई ओवरटेक करने में लगा होता है तो कोई गाड़ी साइड देने में आनाकानी दिखाती है। इतना ही नहीं कुछ गाड़ी तो जाम से निजात पाने के चक्कर में एंबुलेंस के ठीक पीछे चिपक कर चलने लगती हैं।
हमने पूर्वी दिल्ली स्थित लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल से दिल्ली गेट स्थित एलएनजेपी हॉस्पिटल तक सड़कों का सच दिखाया। जिसमें महज 14 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक एंबुलेंस को करीब 50 मिनट का वक्त लग गया। वहीं महारानी बाग से एम्स ट्रॉमा सेंटर के बीच के करीब सात किलोमीटर का फासला एंबुलेंस ने 37 मिनट में तय किया। दिन के बाद रात के वक्त का नजारा कुछ और भी भयावह दिखा जहां गाजीपुर चौराहा से जीटीबी हॉस्पिटल पहुंचने में एंबुलेंस को 39 मिनट का वक्त लगा जबकि दूरी महज पांच किलोमीटर के करीब ही है।
कुल मिलाकर जब खेल रफ्तार का होता है। एक-एक पल कीमती और चुनौती वक्त रहते पहुंचने की होती है, तब सड़कों पर एंबुलेंस रेंगती नजर आती है। अब हमारी खबर के बाद परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तारीफ करते हुए कहा कि इसको हम गंभीरता से लेंगे और मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करके एमरजेंसी सर्विस की राह आसान करेंगे।
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