स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों के खातों की जांच के बीच स्विस सरकार ने एक अहम स्पष्टीकरण जारी किया है। स्विस सरकार की वित्त विभाग के तहत काम करने वाली "स्टेट सेक्रेटेरिएट फॉर इंटरनेशनल फाइनेंनशियल मैटर्स" ने एनडीटीवी इंडिया को एक ई-मेल के ज़रिये स्विस बैंक में भारतीय नागरिकों के बैंक खातों की जांच पर एक अहम सफ़ाई दी है।
स्विस सरकार ने साफ़ किया है कि जिन टैक्स चोरी के मामलों की निष्पक्ष जांच कर सबूत जुटाए गए हैं उन मामलों की समीक्षा के लिए स्विस सरकार तैयार है। लेकिन अगर चोरी किए हुए डाटा के आधार पर सबूत साझा किए जाते हैं तो स्विस सरकार कोई सहयोग नहीं करेगी।
ये महत्वपूर्ण है कि सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस ने स्विस बैंकों में 1195 भारतीय नागरिकों के खातों का खुलासा किया था जो एचएसबीसी बैंक से लीक की गई खातों की जानकारी की जांच के आधार पर किया गया था।
एनडीटीवी को भेजे ई-मेल में स्विस सरकार की तरफ से साफ लिखा गया है, "जिन मामलों में स्विस कानूनों का उल्लंघन करते हुए सबूत साझा किए जाएंगे उस पर स्विस सरकार सहयोग नहीं देगी, टैक्स चोरी के मामलों में भारत-स्विस सरकार में सहयोग डबल टैक्सेशन एग्रीमेंट के तहत ही होगा"।
स्विस सरकार की तरफ से ये स्पष्टीकरण ऐसे वक्त पर आया है जब वित्त मंत्रालय ने इसी हफ्ते सार्वजनिक तौर पर ये माना कि एचएसबीसी की स्विस शाखा में अघोषित बैंक खातों की जानकारी लीक करने वाले विसलब्लोअर फैलसियानी से भारत ने जांच में मदद मांगी है।
इन्कम टैक्स विभाग फैलसियानी से संपर्क में है और उससे एचएसबीसी बैंक समेत दूसरी जगहों पर भी भारतीय नागरिकों के अघोषित बैंक खातों के बारे में जानकारी मांगी गई है। एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में फैलसियानी ये आश्वासन भी दे चुके हैं कि वो भारतीय जांच एजेंसियों से पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
स्विस सरकार के रुख से साफ है कि एचएसबीसी बैंक से लीक हुई अघोषित बैंक खातों की जांच आगे बढ़ाना भारतीय जांच एजेंसियों के लिए आसान नहीं होगा।
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