दिल्ली के विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की करारी शिकस्त से उसके नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) के घटक दल अब चिंतित हो उठे हैं. खास तौर पर बिहार (Bihar) में आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब एनडीए बेफिक्र नहीं है. दिल्ली के चुनाव में प्रचार के दौरान बीजेपी नेताओं के विवादित बयान पार्टी के लिए भारी नुकसान देने वाले साबित हुए. अब बिहार के एनडीए के दलों को चिंता है कि बीजेपी नेताओं का यदि यही रवैया बिहार के चुनाव में भी रहा तो उन्हें कहीं वहां भी सत्ता न गंवानी पड़ जाए. केंद्रीय मंत्री एवं लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने कहा है कि इस साल के अंत में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव स्थानीय विकास के मुद्दों पर लड़ा जाएगा. उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा है कि चुनाव में भाषा पर संयम बनाए रखना चाहिए. दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में कटु बयानों के बाद बीजेपी के सहयोगी दल के नेता का यह बयान महत्वपूर्ण है.
चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार में कुछ बीजेपी नेताओं को भड़काऊ भाषण देने पर फटकार भी लगाई थी. रामविलास पासवान ने एक साक्षात्कार में कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतंत्रिक गठबंधन (NDA) एकजुट है. उन्होंने भरोसा जताया कि एनडीए दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगा क्योंकि विपक्ष ‘‘डूबा हुआ जहाज'' है. बिहार में एनडीए गठबंधन की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) मजबूती से एनडीए के साथ बनी हुई है. मैंने हमेशा कहा है कि केवल वे जानवर सड़क पर मरते हैं जो यह फैसला नहीं कर पाते कि बाएं जाएं या दाएं. जहां तक नीतीश कुमार जी का संबंध है तो मुझे नहीं लगता कि वह कहीं और जाएंगे.'' उन्होंने कहा कि बिहार में विपक्षी गठबंधन के लिये कोई भी छोड़कर नहीं जाएगा.
उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के केंद्रीय मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘विपक्ष में क्या है. लालू यादव जेल में हैं, उनकी सेहत ठीक नहीं है, बाकी पार्टियां अलग-अलग राग अलाप रही हैं. तो कौन विपक्ष में जाएगा. यह डूबता जहाज नहीं है बल्कि डूब चुका जहाज है. वे अपने बीच के लोगों से ही लड़ रहे है. एनडीए एकजुट है.'' पासवान ने कहा कि बिहार कोई चुनौती नहीं है और राजग (NDA) विधानसभा चुनावों में दो-तिहाई बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाएगा.
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बिहार में नीतीश कुमार के राजग गठबंधन का नेतृत्व करने वाली अमित शाह की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि लोजपा को इससे कोई आपत्ति नहीं है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में कुछ बीजेपी नेताओं द्वारा उकसावे वाले बयान दिए जाने पर उन्होंने कहा कि लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने इस पर पार्टी का रुख स्पष्ट कर दिया था और शाह ने भी माना कि यह उल्टा पड़ सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी हमारे खिलाफ कभी निर्वाचन आयोग नहीं गया. चिराग ने कहा कि चुनाव का मुद्दा विकास है.'' उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35ए के साथ अनुच्छेद 370 रद्द करना, तीन तलाक पर प्रतिबंध और राम जन्मभूमि मुद्दा भी हल कर लिया गया तो अब राज्य चुनाव स्थानीय मुद्दों पर होने चाहिए.
एलजेपी नेता पासवान ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय चुनावों में नरेंद्र मोदी का कोई सानी नहीं है. हाल ही में हुए राज्य चुनावों में यह साबित हुआ कि ध्यान विकास के स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित होना चाहिए और भाषा पर संयम रखना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ‘‘भाषा पर संयम जरूर होना चाहिए और मैं बिहार के लोगों से प्रदर्शन के आधार पर, केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा किए गए काम को ध्यान में रखते हुए वोट देने की अपील करता हूं.''
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यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा एनडीए की राह में रोड़ा बनेगा, पासवान ने कहा कि सब कुछ सुचारू ढंग से होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में उनकी पार्टी बीजेपी के साथ समझौता नहीं कर पाई लेकिन अगर वे करते तो नतीजे बेहतर होते. पासवान ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी कभी भी कोई अनुचित लाभ नहीं चाहती. 2014 में हम सात सीटों पर लड़े. 2019 से पहले अखबारों ने कहना शुरू कर दिया कि हमें दो-तीन सीटें मिलेगी इसलिए चिराग ने स्पष्ट किया कि हम सात सीटों पर लड़ें और इतनी ही सीटों पर लड़ेंगे. हमने अमित शाह और अरुण जेटली से बात की और सात सीटों पर लड़े तथा उनमें से सभी पर जीत दर्ज की.''
यह पूछने पर कि क्या बिहार चुनावों में संशोधित नागरिकता कानून या राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण होंगे, इस पर पासवान ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता.'' उन्होंने कहा कि सीएए, एनपीआर तथा राष्ट्रीय नागरिक पंजी को लेकर सभी संदेह दूर किए जा चुके हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी की निगाहें बिहार चुनावों पर हैं जो इस साल अक्टूबर और नवंबर में होने हैं.
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