प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए उनके कैबिनेट में सहयोगी दलों को भी जगह मिलेगी. केंद्रीय कैबिनेट में सहयोगी दलों के मंत्री पदों का कोटा उनके सांसदों की संख्या के हिसाब से तय किया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की है. सूत्रों के मुताबिक जदयू और शिवसेना से एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री बन सकता हैं. वहीं अकाली दल से सुखबीर सिंह बादल, लोकजनशक्ति पार्टी से रामविलास पासवान और अपना दल से अनुप्रिया पटेल कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं.
बता दें, पीएम मोदी के 30 मई को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरो पर हैं. ऐसे में पीएम के साथ ही जिन नेताओं को मंत्री पद की शपथ लेनी हैं, उनके नाम पर भी चर्चा है. पीएम मोदी (Narendra Modi) और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को इस मुद्दे पर 5 घंटे तक बैठक की. चर्चा है कि अमित शाह (Amit Shah) भी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस बात की केवल अटकलें लगाई जा रही हैं. आने वाले समय में महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी में एक बड़ा वर्ग चाहता है कि शाह ही अध्यक्ष रहें. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है वहीं बिहार में 2021 में चुनाव हैं, ऐसे में पार्टी पूरी तरह से इन पर फोकस करना चाहती है.
मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे अरुण जेटली, PM मोदी को खत लिखकर बताया अपना फैसला
पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के कारण इन दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है. नई सरकार में शामिल किए जाने वाले संभावित चेहरों को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन कई नेताओं का मानना है कि पिछली सरकार के ज्यादातर अहम सदस्यों को मंत्रिपरिषद में बरकरार रखा जाएगा. पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली स्वास्थ्य कारणों से मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होंगे. अरुण जेटली ने अपने फैसले के बारे में पीएम मोदी खत लिखकर जानकारी दी. नए मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर जैसे पुराने चेहरे बने रह सकते हैं.
अन्नाद्रमुक को इस बार सिर्फ एक सीट मिली है. तमिलनाडु में सत्तासीन होने के कारण उसे एक मंत्री पद दिया जा सकता है. भाजपा ने इन चुनावों में पश्चिम बंगाल में 18 और तेलंगाना में चार सीटें जीती हैं. इसके कारण पार्टी नई सरकार में दोनों राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दे सकती है.
कैसी होगी नरेंद्र मोदी की नई सरकार : इस बार पुराने मंत्रियों के ही ज्यादा दिखने के आसार
Video: मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे अरुण जेटली, पीएम को लिखा पत्र
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