पटना: बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए एनसीपी और समाजवादी पार्टी के नेताओं की नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सहयोगी दलों के बीच सीटें बांटी जा चुकी हैं और अब उसकी समीक्षा की कोई जरूरत नहीं है।
नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने एनसीपी के लिए तीन सीटें छोड़ी हैं और हमारी बजाय उसे तय करना है कि वह धर्मनिपेक्ष महागठबंधन में रहना चाहती है या नहीं।'
मुख्यमंत्री का बयान शरद पवार की पार्टी के इस अल्टीमेटम के बाद आया है कि बिहार में धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन सीटों के वितरण पर 20 अगस्त तक फिर से विचार करे, एनसीपी विधानसभा चुनाव के लिए 12 से कम सीटों पर नहीं मानेगी, वर्ना उसके लिए सारे विकल्प खुले हैं।
पहले ही गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जा चुके नीतीश कुमार ने यह कहते हुए एनसीपी के विरोध प्रदर्शन और समाजवादी पार्टी के एक वर्ग के धरने को कमतर करने की कोशिश की, 'अगर सबकुछ इतना आसानी हो जाए तो मीडिया को लिखने के लिए कुछ होगा ही नहीं।'
जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने हाल में विधानसभा चुनाव के लिए सीटों की साझेदारी पर फैसला किया, जिसके तहत जेडीयू और आरजेडी विधानसभा की 243 सीटों में से 100-100 सीटों और कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं एनसीपी के लिए तीन सीटें छोड़ी गईं।
बिहार के सीएम ने कहा कि पटना में 30 अगस्त को धर्मनिरपेक्ष गठबंधन की रैली अहम होगी।