उरी हमले पर जवाब देने से बचते दिखे नवाज शरीफ, भारत सबूतों के साथ करेगा पाक को बेनकाब

उरी हमले पर जवाब देने से बचते दिखे नवाज शरीफ, भारत सबूतों के साथ करेगा पाक को बेनकाब

उरी हमले में चार आतंकवादी मारे गए...

खास बातें

  • सुषमा 26 को United Nations General assembly में बोलेंगी
  • सूबतों के साथ पाकिस्तान को करेंगी बेनकाब
  • कई देशों ने की है उरी हमले की निंदा
नई दिल्ली:

भारत के सख्त रुख के बाद यूएन जनरल असेंबली के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उरी हमले पर पूछे गए सवाल से बचते नज़र आए. पत्रकारों के सवाल पर नवाज शरीफ ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. नवाज को यूएन जनरल असंबेली में भाषण देना है. माना जा रहा है कि उरी हमले के बाद भारत के प्रति पाकिस्तान का पक्ष कमज़ोर पड़ेगा. इससे पहले पाकिस्तानी पीएम के सलाहकार सरताज अजीज भी उरी हमले पर सवाल को टाल गए.

गौरतलब है कि उरी हमले के बाद भारत अपने कूटनीतिक तरकश से कई तीर छोड़ने की तैयारी में है. पाकिस्तान को हर तरफ से घेरने की कोशिश होगी ताकि उसकी सैन्य और आर्थिक मदद के स्रोत पूरी तरह बंद किए जा सकें.

विदेशमंत्री सुषमा स्वराज 26 सितंबर को United Nations General assembly में बोलेंगी. सूत्र बताते हैं कि वह उरी हमले में पाकिस्तान के हाथ होने के निशान बताएंगी और जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए ज़िम्मेदार भी ठहराएंगी. विदेशों में हर अहम मिशन को सबूतों और दस्तावेज़ के ज़रिए पाकिस्तान की असलियत सामने लाने की ज़िम्मेदारी दी गई है. यानी अब अहम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सबूतों और दस्तावेजों के जरिए पाकिस्तान पर हमला बोला जाएगा. हालांकि सुषमा सोमवार को हुई किसी भी हाई लेवल बैठक में नज़र नहीं आईं, लेकिन अब यह साफ है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने बेनकाब और अलग थलग करने की पूरी तैयारी है.  

हालांकि यह भी अब साफ है कि अगर भारत किसी सैन्य हल की तरफ भी बढ़ता है तो कोशिश अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ लेकर चलने की होगी. इस बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय दिल्ली में अपने मिशन्स के ज़रिए बहुत करीब से स्थिति पर नज़र रखे हुए है. कई देशों ने उरी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा  ने कहा है कि आतंकवाद से लड़ाई में वह भारत के साथ खड़े हैं. यहां तक कि चीन ने भी कहा है कि इस हमले से वह सकते में है और हर तरह के आतंक की निंदा करते हैं.

उल्लेखनीय है कि दुनिया में माहौल कुछ ऐसा है कि आतंक एक बहुत बड़ा मुद्दा है. प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी विदेश यात्राओं के जरिए ताकतवर देशों और नेताओं के काफी करीब हैं. लेकिन यह वक्त अग्निपरीक्षा का है कि क्या ये देश भारत के साथ खड़े होकर पाकिस्तान पर दबाव बनाएंगे.


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