प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी मेहमानों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और अन्य विशिष्ट अतिथियों के आगमन को देखते हुये राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए दिल्ली पुलिस एवं सुरक्षा बलों के दस हजार जवानों को तैनात किया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कई महत्वपूर्ण जगहों पर त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को तैनात किया गया है और महत्वपूर्ण भवनों पर अचूक निशानेबाजों को तैनात किया गया है. गुरुवार को मोदी के शपथ ग्रहण से पूर्व राजघाट, सदैव अटल समाधि और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भवनों का दौरा करने की संभावना है. उन्होंने बताया, ‘‘शपथ ग्रहण समारोह को देखते हुये दिल्ली पुलिस और सुरक्षा बलों के दस हजार जवानों को तैनात किया गया है.''एक अन्य अधिकारी ने बताया कि करीब दो हजार जवानों को मोदी और विदेशी मेहमानों के आवागमन के मार्ग पर तैनात किया गया है.
मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शाम सात बजे शपथ लेने का कार्यक्रम है. समारोह से एक दिन पहले जारी एक यातायात परामर्श में कहा गया है कि गुरवार को शाम चार बजे से रात नौ बजे तक नई दिल्ली जिले में कई सड़कें बंद रहेंगी और मोटर वाहन चालक इन सड़कों पर आने से बचें.
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राजधानी में यातायात के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं और यातायात परामर्श जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि आमंत्रित लोगों और जनता के लिए निर्देश संकेतक लगाए गए हैं. सभी मोटर वाहन चालकों को ड्यूटी पर तैनात यातायात पुलिस के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है.
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बता दें मोदी को जब शाम करीब सात बजे शपथ दिलायी जाएगी तब यह दूसरी बार होगा जब वे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ लेंगे. मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2014 में दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलायी थी. इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलायी गई थी. शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यामां के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग ने कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि पहले ही कर दी है.थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी बूनराच देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. सरकार ने इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गीस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया है.
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