नामित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सोमवार के शपथ ग्रहण समारोह में न्योता देने का कश्मीर घाटी में सकारात्मक असर देखा जा रहा है।
मोदी के इस कदम का अलगावादियों के दोनों धड़ों के साथ ही साथ मुख्य धारा के नेताओं और यहां के निवाविसयों ने स्वागत किया है।
ज्ञात हो कि एक दिन पहले विदेश मंत्रालय ने सार्क के सदस्य देशों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण में आने का न्योता भेजे जाने की जानकारी दी थी। इस फैसले के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद ही जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर हैंडल पर लिखा था, "मोदी के द्वारा सार्क नेताओं, खास तौर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शपथ ग्रहण में आने का न्योता भेजना अत्यंत बेहतरीन कदम। उम्मीद है इससे वार्ता जारी रहेगी।"
इसके साथ ही उन्होंने यह व्यंग्य भी किया था, "मुझे नहीं पता यदि नामित प्रधानमंत्री राहुल गांधी होते और उन्होंने कुछ ऐसा ही कदम उठाया होता तो भाजपा की क्या प्रतिक्रिया होती।"
हुर्रियत के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवायज उमर फारूक ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि इसका असर लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के समाधान में भी दिखना चाहिए।
पाकिस्तान सरकार ने कहा कि शरीफ ने अभी तक यह फैसला नहीं लिया है कि उन्हें मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेना चाहिए या नहीं।
हुर्रियत के चरमपंथी धड़े के नेता सैयद अली गिलानी ने हालांकि भारत में किसी व्यवस्थागत बदलाव होने से इनकार किया है और कहा है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर चाहे कोई भी बैठ जाए नई दिल्ली की कश्मीर नीति में कोई बदलाव नहीं आ सकता।
दूसरी ओर कश्मीर घाटी के आम आदमी मोदी के नेतृत्व में भारत-पाकिस्तान रिश्ते में बेहतरी की उम्मीद करते हैं।
श्रीनगर के नरवारा इलाके में रहने वाले शबीर अहमद (39) ने कहा, "उन्होंने शरीफ को न्योता भेजकर सही कदम उठाया है..इससे इस अनुमान को बल मिलेगा कि मोदी भारत पर बाज की तरह राज करेंगे।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं