तीन हफ्तों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच कृषि कानूनों (Farmers Laws) के बारे में किसानों को सरलता से समझाने के लिए मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने एक बुकलेट तैयार की है जिसे देश भर के किसानों में बांटा जाएगा. इस बुकलेट में किसानों को अन्नदाता बताया गया है और बुकलेट का नाम रखा गया है 'अन्नदाता के हितों को समर्पित मोदी सरकार'. हिन्दी के अलावा ये बुकलेट अंग्रेजी में भी छापी गई है. अंग्रेजी में इसका नाम है 'Putting Farmers First'. करीब सौ पृष्ठों की इस बुकलेट में विस्तार से बताया गया है कि नए कृषि कानूनों से किसानों को किस तरह लाभ पहुंचेगा.
बुकलेट में कृषि कानूनों को लेकर उठे सवालों और आशंकाओं का भी जवाब दिया गया है. यह बताया गया है कि कृषि सुधार कब प्रारंभ किए गए थे, इन सुधारों की आवश्यकता क्यों पड़ी? बुकलेट में परामर्श और विमर्श का विस्तार से विवरण दिया गया है और लाभार्थियों के अनुभवों को भी साझा कि गया है.
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किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार जो कदम उठा रही है, उनका भी विस्तार से वर्णन किया गया है. एमएसपी जारी रहेगी, मंडी बनी रहेंगी, यह आश्वासन भी इस बुकलेट के जरिए किसानों को दिया गया है. बुकलेट में दावा किया गया है कि नए कृषि कानून बनने के बाद पूरे देश में कहीं भी एक भी मंडी बंद नहीं हुई है. किसान चाहें तो अपनी फसल मंडी में या फिर बाहर बेच सकते हैं. यह भी बताया गया है कि कृषि कानून बनने के तुरंत बाद सितंबर 2020 में सरकार ने एमएसपी में बढोत्तरी की है.
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इससे पहले केंद्र सरकार ने सिखों पर भी एक बुकलेट जारी किया है. इसमें मोदी सरकार का सिखों से कितना गहरा नाता रहा है, ये बताने की कोशिश की गई है. बुकलेट का नाम है- 'पीएम मोदी और उनकी सरकार का सिखों के साथ विशेष संबंध.'
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