पानीपत:
रेप मामले में फंसे आसाराम और उसके बेटे नारायण साई मामले के एक अहम गवाह को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी है। मामला हरियाणा के पानीपत का है, जहां अज्ञात लोगों ने गवाह महेंद्र चावला को उनके घर में घुसकर गोली मार दी। महेंद्र को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।
महेंद्र चावला पहले ही कह चुके थे कि उनकी जान को खतरा है। ये महेंद्र चावला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने आसाराम और नारायण साई के सूरत आश्रम की कई काली करतूतों पर से पर्दा उठाने का काम किया था। चावला ने ही सूरत की दो बहनों के साथ रेप के मामले में नारायण साई के खिलाफ बयान दिया था।
रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्रीकांत जाधव ने फोन पर बताया, 'कुछ अज्ञात लोगों ने चावला पर गोली चलाई। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया और अब वह खतरे से बाहर हैं।' इस घटना के संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया गया है।
खतरे की आशंका के चलते गवाह को सुरक्षा के लिए एक बंदूकधारी उपलब्ध करवाया गया था। जाधव ने कहा, 'हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि घटना के समय बंदूकधारी कहां था?'
पानीपत के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने कहा, 'हम उस दिशा में काम कर रहे हैं और हमें जल्दी ही गिरफ्तार किए जाने की उम्मीद है।' एक महिला ने नारायण पर आरोप लगाया था कि साल 2002 और 2005 के बीच जब वह सूरत स्थित उसके आश्रम में रह रही थी, तब नारायण साईं ने लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद नारायण के खिलाफ बलात्कार, अप्राकृतिक सेक्स, उत्पीड़न, गलत ढंग से बंदी बनाना समेत भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
नारायण के खिलाफ सूरत की महिला द्वारा बलात्कार का मामला दर्ज कराए जाने के बाद दिसंबर 2013 में उसे गिरफ्तार किया गया। उसके बाद से वह सूरत जेल में बंद है। फरवरी में अभियोजन पक्ष के एक गवाह को एक व्यक्ति ने जोधपुर में अदालत परिसर में ही चाकू मार दिया था।
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार 11 जनवरी 2015 को यूपी के मुजफ्फरनगर में रात को बाइकसवार बदमाशों ने अखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अखिल गुप्ता की पहचान आसाराम और नारायण साई के पूर्व सेवादार के तौर पर की गई थी।
अखिल के परिजनों ने बताया था कि कुछ समय पहले गुजरात पुलिस ने अखिल से पूछताछ की थी और वो उसे अपने साथ गुजरात भी लेकर गई थी। परिजनों का कहना था कि अखिल ने आसाराम और नारायण साई के ख़िलाफ़ गवाही भी दी थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी आसाराम मामले में गवाही देने वाले एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इनकी पहचान आसाराम के निजी फिजीशियन (डॉक्टर) अमृत भाई के रूप में हुई थी। बताया जा रहा है कि इन्होंने भी आसाराम के खिलाफ गवाही दी थी। इस मामले में गौर करने की बात यह भी है कि जोधपुर की कोर्ट में जिस जज की कोर्ट में यह मामला चल रहा है उन्हें भी कई बार धमकाया जा चुका है। तमाम चिट्ठियां उन्हें ऐसी ही भेजी गई हैं। सूरत मामले में तीन और लोगों पर हमले हो चुके हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने रेप मामले में नारायण साई की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। यही नहीं, कोर्ट ने साफ कहा था कि नारायण साई को जमानत तब ही मिलेगी, जब उसकी मां के ऑपरेशन का दिन तय हो जाएगा। कोर्ट ने कहा, 'नारायण साई को तभी रिहा किया जाएगा, जब डॉक्टर लिखित तौर यह बताएंगे कि अमुख तारीख को नारायण साई की मां का ऑपरेशन होना है।'
मां की सर्जरी के नाम पर ही नारायण साई ने गुजरात हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे तीन हफ्ते के लिए जमानत पर रिहा कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मां की सर्जरी के बाद नारायण साई को तुरंत फिर से सरेंडर करना होगा।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि अगर नारायण साई रिहा होता है तो उसके समर्थक कानून-व्यवस्था के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।
महेंद्र चावला पहले ही कह चुके थे कि उनकी जान को खतरा है। ये महेंद्र चावला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने आसाराम और नारायण साई के सूरत आश्रम की कई काली करतूतों पर से पर्दा उठाने का काम किया था। चावला ने ही सूरत की दो बहनों के साथ रेप के मामले में नारायण साई के खिलाफ बयान दिया था।
रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्रीकांत जाधव ने फोन पर बताया, 'कुछ अज्ञात लोगों ने चावला पर गोली चलाई। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया और अब वह खतरे से बाहर हैं।' इस घटना के संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया गया है।
खतरे की आशंका के चलते गवाह को सुरक्षा के लिए एक बंदूकधारी उपलब्ध करवाया गया था। जाधव ने कहा, 'हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि घटना के समय बंदूकधारी कहां था?'
पानीपत के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने कहा, 'हम उस दिशा में काम कर रहे हैं और हमें जल्दी ही गिरफ्तार किए जाने की उम्मीद है।' एक महिला ने नारायण पर आरोप लगाया था कि साल 2002 और 2005 के बीच जब वह सूरत स्थित उसके आश्रम में रह रही थी, तब नारायण साईं ने लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद नारायण के खिलाफ बलात्कार, अप्राकृतिक सेक्स, उत्पीड़न, गलत ढंग से बंदी बनाना समेत भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
नारायण के खिलाफ सूरत की महिला द्वारा बलात्कार का मामला दर्ज कराए जाने के बाद दिसंबर 2013 में उसे गिरफ्तार किया गया। उसके बाद से वह सूरत जेल में बंद है। फरवरी में अभियोजन पक्ष के एक गवाह को एक व्यक्ति ने जोधपुर में अदालत परिसर में ही चाकू मार दिया था।
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार 11 जनवरी 2015 को यूपी के मुजफ्फरनगर में रात को बाइकसवार बदमाशों ने अखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अखिल गुप्ता की पहचान आसाराम और नारायण साई के पूर्व सेवादार के तौर पर की गई थी।
अखिल के परिजनों ने बताया था कि कुछ समय पहले गुजरात पुलिस ने अखिल से पूछताछ की थी और वो उसे अपने साथ गुजरात भी लेकर गई थी। परिजनों का कहना था कि अखिल ने आसाराम और नारायण साई के ख़िलाफ़ गवाही भी दी थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी आसाराम मामले में गवाही देने वाले एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इनकी पहचान आसाराम के निजी फिजीशियन (डॉक्टर) अमृत भाई के रूप में हुई थी। बताया जा रहा है कि इन्होंने भी आसाराम के खिलाफ गवाही दी थी। इस मामले में गौर करने की बात यह भी है कि जोधपुर की कोर्ट में जिस जज की कोर्ट में यह मामला चल रहा है उन्हें भी कई बार धमकाया जा चुका है। तमाम चिट्ठियां उन्हें ऐसी ही भेजी गई हैं। सूरत मामले में तीन और लोगों पर हमले हो चुके हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने रेप मामले में नारायण साई की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। यही नहीं, कोर्ट ने साफ कहा था कि नारायण साई को जमानत तब ही मिलेगी, जब उसकी मां के ऑपरेशन का दिन तय हो जाएगा। कोर्ट ने कहा, 'नारायण साई को तभी रिहा किया जाएगा, जब डॉक्टर लिखित तौर यह बताएंगे कि अमुख तारीख को नारायण साई की मां का ऑपरेशन होना है।'
मां की सर्जरी के नाम पर ही नारायण साई ने गुजरात हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे तीन हफ्ते के लिए जमानत पर रिहा कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मां की सर्जरी के बाद नारायण साई को तुरंत फिर से सरेंडर करना होगा।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि अगर नारायण साई रिहा होता है तो उसके समर्थक कानून-व्यवस्था के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।
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