सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 आम नागरिकों के मारे जाने के विरोध में जनजातीय इकाइयों की ओर से पांच जिलों में आहूत बंद के चलते गुरुवार को नगालैंड के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा. शीर्ष जनजाति इकाई ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) के सदस्यों ने तुएनसांग, लोंगलेंग, किफिर और नोकलाक जिलों में जबकि कोन्याक यूनियन के सदस्यों ने मोन जिले में प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकारी और निजी कार्यालय तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और वाहनों का यातायात ठप रहा. गौरतलब है कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी की कुछ घटनाओं में चार और पांच दिसंबर को मोन जिले में कुल 14 आम नागरिक मारे गए थे. गोलीबारी की पहली घटना का कारण ‘‘गलत पहचान'' को बताया गया था.
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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि सेना को मोन जिले में उग्रवादियों की गतिविधियों की सूचना मिली थी जिसके बाद ‘21 पैरा कमांडो' की इकाई ने कार्रवाई की थी. उन्होंने आम नागरिकों की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने आत्म रक्षा में गोलियां चलाई थीं.
जनजातीय इकाइयों ने घटना में न्याय मिलने तक प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी भी दी है.
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कोन्याक यूनियन ने केन्द्रीय गृह मंत्री के संसद में दिए गए बयान को लेकर उनसे माफी की मांग की है जिसमें शाह ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने आत्म रक्षा में गोलियां चलाईं थी.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं