मेडिकल ऑक्सीजन (medical oxygen), कोरोना वैक्सीन (Covid patients) और कोविड अस्पतालों में बेड को लेकर सरकारें चाहें लाख दावें करें, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर पीड़ित परिवार अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. ऐसा ही कुछ नजारा दिल्ली को लोक नायक जय प्रकाश हॉस्पिटल (LNJP Hospital) में गुरुवार को देखने को मिला जब वहां सैकड़ों एंबुलेंस और निजी वाहनों का रेला लगा दिखाई दिया. इन वाहनों में कोरोना के गंभीर मरीज थे, जिनके तीमारदार अस्पताल प्रबंधन से उनके मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती करने की मिन्नतें करते रहे. इन्हीं में से एक असलम था, जो अपनी बीवी रूबी खान को बाइक पर बैठाकर अस्पताल लेकर पहुंचा. उसकी पत्नी को तीन अस्पतालों में भर्ती करने से मना कर दिया गया. लाचार असलम अस्पताल के स्टॉफ से गिड़गिड़ाता रहा कि उसकी बीवी को भर्ती कर लिया जाए, वरना वो मर जाएगी. असलम ने NDTV कहा, मैं अस्पताल वालों के पैर छूने को तैयार हूं, क्या उसे अस्पताल की फर्श पर इलाज मिल सकता है, मैं उसे मरने के लिए कैसे छोड़ सकता हूं. इस दौरान वह लगातार रोता रहा. LNJP Hospital कोरोना के मरीजों का इलाज (Covid treatment) करने वाले देश का सबसे बड़ा केंद्र है. अस्पताल के बाहर कुछ ऐसे तीमारदार भी मिले, जिनका कहना है कि उनके मरीज की कोरोना रिपोर्ट (Corona Positive) निगेटिव आई है, फिर भी उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है. उनके मरीजों का ऑक्सीजन स्तर गिरता ही चला जा रहा है.
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