पुलिस हिरासत में मुनीर।
नई दिल्ली:
एनआईए ऑफीसर तंजील अहमद और उनकी पत्नी की हत्या के मुख्य आरोपी मुनीर को पुलिस ने ग्रेटर नोएडा कोर्ट में
पेश किया। वहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मुनीर ने पुलिस की पूछताछ में तंजील अहमद की हत्या को लेकर कई खुलासे किए।
कुछ साल पहले तक तंजील का करीबी था मुनीर
बिजनौर के एक ही गांव के रहने वाले मुनीर और एनआईए ऑफीसर तंजील अहमद कुछ साल पहले तक करीबी थे। सूत्रों की मानें तो मुनीर तंजील के लिए मुखबिरी करता था, लेकिन 2012 के बाद धीरे-धीरे वह अपराध की दुनिया में
घुसता चला गया। वह डकैती, हत्या और बड़ी लूटों को अंजाम देने लगा। यहीं से तंजील और मुनीर के रिश्ते बिगड़ने लगे।
फ्लैट और एके 47 की जिद
सूत्रों के मुताबिक मुनीर तंजील से एक फ्लैट और AK-47 दिलवाने की जिद कर रहा था, क्योंकि उसे एक साथ कई गोलियां चलाने का शौक था। इससे दोनों के बीच रिश्ते और बिगड़े। फिर मुनीर को लगने लगा कि तंजील उसकी मुखबिरी करवा रहा है और उसका एनकाउंटर भी करा सकता है। वहीं तंजील को भी अहसास हो गया कि मुनीर
उन पर हमला कर सकता है। आखिरकार मुनीर ने तंजील और उसकी पत्नी को बेरहमी से मारा।
'कभी जिंदा नहीं पकड़ा जाऊंगा'
पुलिस के मुताबिक मुनीर के पास एक पासपोर्ट भी है, लेकिन वह विदेश नहीं भागा बल्कि अपनी गैंग को मजबूत करता रहा। उसकी गैंग में 20 शातिर अपराधी हैं। उसने लूट से 3 करोड़ से ज्यादा रूपये कमाए और इस पैसे से जमीन जायदाद ली। मुनीर को पुलिस पर फायरिंग करने का जुनून था। यहां तक उसका डॉयलॉग था कि 'कभी जिंदा नहीं पकड़ा जाऊंगा। मार के मरूंगा।'
पेश किया। वहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मुनीर ने पुलिस की पूछताछ में तंजील अहमद की हत्या को लेकर कई खुलासे किए।
कुछ साल पहले तक तंजील का करीबी था मुनीर
बिजनौर के एक ही गांव के रहने वाले मुनीर और एनआईए ऑफीसर तंजील अहमद कुछ साल पहले तक करीबी थे। सूत्रों की मानें तो मुनीर तंजील के लिए मुखबिरी करता था, लेकिन 2012 के बाद धीरे-धीरे वह अपराध की दुनिया में
घुसता चला गया। वह डकैती, हत्या और बड़ी लूटों को अंजाम देने लगा। यहीं से तंजील और मुनीर के रिश्ते बिगड़ने लगे।
फ्लैट और एके 47 की जिद
सूत्रों के मुताबिक मुनीर तंजील से एक फ्लैट और AK-47 दिलवाने की जिद कर रहा था, क्योंकि उसे एक साथ कई गोलियां चलाने का शौक था। इससे दोनों के बीच रिश्ते और बिगड़े। फिर मुनीर को लगने लगा कि तंजील उसकी मुखबिरी करवा रहा है और उसका एनकाउंटर भी करा सकता है। वहीं तंजील को भी अहसास हो गया कि मुनीर
उन पर हमला कर सकता है। आखिरकार मुनीर ने तंजील और उसकी पत्नी को बेरहमी से मारा।
'कभी जिंदा नहीं पकड़ा जाऊंगा'
पुलिस के मुताबिक मुनीर के पास एक पासपोर्ट भी है, लेकिन वह विदेश नहीं भागा बल्कि अपनी गैंग को मजबूत करता रहा। उसकी गैंग में 20 शातिर अपराधी हैं। उसने लूट से 3 करोड़ से ज्यादा रूपये कमाए और इस पैसे से जमीन जायदाद ली। मुनीर को पुलिस पर फायरिंग करने का जुनून था। यहां तक उसका डॉयलॉग था कि 'कभी जिंदा नहीं पकड़ा जाऊंगा। मार के मरूंगा।'
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