मुंबई:
मुंबई की एक हाउसिंग सोसायटी ने लिफ्ट में कुत्ते की आवाजाही पर रोक लगा दी है। न मानने पर एक हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यह विवाद अब इतना बढ़ गया है कि मामला पुलिस थाना और भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड तक पहुंच गया है।
कुत्ते से बदबू आने की शिकायत
मामला चूनाभट्टी की सुमंगल सोसायटी का है। इस सोसायटी के 54 सदस्यों में से 42 ने 7 वीं मंजिल पर रहने वाले शिंदे परिवार की लिखित शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि उनके कुत्ते ज्वॉय की बदबू से वे परेशान हैं। उसकी बदबू लिफ्ट में इस कदर भर जाती है कि फिर उसमे जाना मुश्किल हो जाता है।
सोसायटी ने लिया प्रतिबंध लगाने का फैसला
सोसायटी के सचिव डॉ राजन शिरसाट का कहना है कि शिंदे परिवार को साल भर पहले भी चेतावनी दी गई थी कि वे कुत्ते की सफाई पर ध्यान दें, लेकिन उन्होंने उल्टे सोसायटी को धमकाना शुरू कर दिया। इसलिए इस बार की वार्षिक साधारण सभा में एक मत से उनके कुत्ते की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला लिया गया। नहीं मानने पर उनको प्रतिदिन एक हजार रुपये जुर्माना भरना होगा।
कुत्ते की मालकिन ने सोसायटी के आरोप नकारे
ज्वॉय की मालकिन डॉ तृप्ति शिंदे सुमंगल सोसायटी में डेढ़ साल पहले किराये पर तीन साल के लिए आई हैं। उनका कहना है कि 'जब से हम यहां रहने आए हैं उस दिन से अगर हम प्रतिदिन हजार रुपये के हिसाब से गिनें तो जुर्माने की रकम 5 लाख के ऊपर होती है।' पेशे से डॉक्टर ज्वॉय की मालकिन का कहना है कि 'सोसायटी वाले ज्वॉय से बदबू आने और गंदगी को रोक की वजह बता रहे हैं, जबकि ज्वॉय की सफाई और तबियत का हम खास ख्याल रखते हैं और उसके लिए एक आदमी भी रखा है और ज्वॉय भी कभी किसी को कोई तकलीफ नहीं देता। वह तो भोंकता भी नहीं।'
नियम से परे नहीं लग सकता प्रतिबंध या जुर्माना
देश में पालतू जानवरों खासकर कुत्तों को पालने के लिए नियम कानून हैं। भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मुताबिक अगर किसी तरह के नियम कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है तो सोसायटी कुत्ते या उसके मालिक पर ऐसा कोई प्रतिबंध या जुर्माना नहीं लगा सकती जो कानून से अलग हो। फिर भले ही उसके पास बहुमत क्यों न हो ?
कुत्ता ज्वॉय और शिंदे परिवार के सदस्य
कुत्ते से बदबू आने की शिकायत
मामला चूनाभट्टी की सुमंगल सोसायटी का है। इस सोसायटी के 54 सदस्यों में से 42 ने 7 वीं मंजिल पर रहने वाले शिंदे परिवार की लिखित शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि उनके कुत्ते ज्वॉय की बदबू से वे परेशान हैं। उसकी बदबू लिफ्ट में इस कदर भर जाती है कि फिर उसमे जाना मुश्किल हो जाता है।
सोसायटी ने लिया प्रतिबंध लगाने का फैसला
सोसायटी के सचिव डॉ राजन शिरसाट का कहना है कि शिंदे परिवार को साल भर पहले भी चेतावनी दी गई थी कि वे कुत्ते की सफाई पर ध्यान दें, लेकिन उन्होंने उल्टे सोसायटी को धमकाना शुरू कर दिया। इसलिए इस बार की वार्षिक साधारण सभा में एक मत से उनके कुत्ते की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला लिया गया। नहीं मानने पर उनको प्रतिदिन एक हजार रुपये जुर्माना भरना होगा।
कुत्ते की मालकिन ने सोसायटी के आरोप नकारे
ज्वॉय की मालकिन डॉ तृप्ति शिंदे सुमंगल सोसायटी में डेढ़ साल पहले किराये पर तीन साल के लिए आई हैं। उनका कहना है कि 'जब से हम यहां रहने आए हैं उस दिन से अगर हम प्रतिदिन हजार रुपये के हिसाब से गिनें तो जुर्माने की रकम 5 लाख के ऊपर होती है।' पेशे से डॉक्टर ज्वॉय की मालकिन का कहना है कि 'सोसायटी वाले ज्वॉय से बदबू आने और गंदगी को रोक की वजह बता रहे हैं, जबकि ज्वॉय की सफाई और तबियत का हम खास ख्याल रखते हैं और उसके लिए एक आदमी भी रखा है और ज्वॉय भी कभी किसी को कोई तकलीफ नहीं देता। वह तो भोंकता भी नहीं।'
नियम से परे नहीं लग सकता प्रतिबंध या जुर्माना
देश में पालतू जानवरों खासकर कुत्तों को पालने के लिए नियम कानून हैं। भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मुताबिक अगर किसी तरह के नियम कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है तो सोसायटी कुत्ते या उसके मालिक पर ऐसा कोई प्रतिबंध या जुर्माना नहीं लगा सकती जो कानून से अलग हो। फिर भले ही उसके पास बहुमत क्यों न हो ?
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