नई दिल्ली:
26/11 के आरोपी अबू हमजा की कस्टडी की मांग को लेकर मुंबई पुलिस की अर्जी पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कहा है कि 5 जुलाई के बाद आओ। मुंबई पुलिस हमजा की कस्टडी चाहती है जबकि दिल्ली पुलिस ने इस अर्जी का विरोध किया है।
जब से अबू हमजा की गिरफ्तारी हुई है तब से गिरफ्तारी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस मामले में भारतीय एजेंसियों को बड़ी कामयाबी 2010 में मिली जब पुणे धमाके के आरोपी आतंकवादी लाल बाबा ने जबीउद्दीन उर्फ हमजा की आवाज पहचान ली।
हमजा की आवाज की पुष्टि हो जाने के बाद जब तक जांच एजेंसियां उस तक पहुंचती तब तक वह पाक वीजा पर पहले पाकिस्तान और फिर सऊदी अरब जा चुका था। हमजा के सऊदी अरब जाने के बाद वहां की सरकार पर पाकिस्तान का दबाव था कि किसी भी हाल में जबीउद्दीन को भारत न भेजा जाए लेकिन भारत ने दावा किया कि जबीउद्दीन भारत का नागरिक है। उसके घरवालों के खून के नमूने वहां भेजे गए। जबीउद्दीन उर्फ अबू जिंदाल के डीएनए टेस्ट के बाद ये बात सही साबित हुई। आखिरकार 21 जून को जबीउद्दीन उर्फ अबू जिंदाल उर्फ अबू हमजा को भारत लाया गया।
अब ये बात भी सामने आ रही है कि अबू हमजा की गिरफ्तारी की इतनी लम्बी प्रक्रिया से विदेश मंत्रालय पूरी तरह से अनजान रहा हालांकि अबू हमजा की गिरफ्तारी के बाद सरकार की तरफ से जो पहला बयान आया वह विदेशमंत्री एसएम कृष्णा का था लेकिन अब सूत्रों से यह बात सामने आ रही है कि खुद एसएम कृष्णा को अबू हमजा की गिरफ्तारी की जानकारी टीवी चैनलों से मिली है। कहा जा रहा है कि इस पूरी मुहिम से विदेश मंत्रालय बेखबर रहा।
साल 2006 में औरंगाबाद से 30 किलो आरडीएक्स 10 एके 47, 2000 कारतूस बरामद किए गए थे। इस केस में भी जबीउद्दीन अंसारी का उर्फ हमजा का नाम आया था लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस घटना के बाद हमजा मुंबई में एमएलए हॉस्टल में कुछ वक्त अपने साथी के साथ रहा।
एमएलए हॉस्टल का यह कमरा उस वक्त मौजूदा स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री और उस वक्त विधायक फौजिया खान के नाम था। वैसे फौजिया कह रही हैं हमास से उनका कोई लेना-देना नहीं है इस मामले पर बीजेपी फौजिया का इस्तीफा मांग रही है।
जब से अबू हमजा की गिरफ्तारी हुई है तब से गिरफ्तारी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस मामले में भारतीय एजेंसियों को बड़ी कामयाबी 2010 में मिली जब पुणे धमाके के आरोपी आतंकवादी लाल बाबा ने जबीउद्दीन उर्फ हमजा की आवाज पहचान ली।
हमजा की आवाज की पुष्टि हो जाने के बाद जब तक जांच एजेंसियां उस तक पहुंचती तब तक वह पाक वीजा पर पहले पाकिस्तान और फिर सऊदी अरब जा चुका था। हमजा के सऊदी अरब जाने के बाद वहां की सरकार पर पाकिस्तान का दबाव था कि किसी भी हाल में जबीउद्दीन को भारत न भेजा जाए लेकिन भारत ने दावा किया कि जबीउद्दीन भारत का नागरिक है। उसके घरवालों के खून के नमूने वहां भेजे गए। जबीउद्दीन उर्फ अबू जिंदाल के डीएनए टेस्ट के बाद ये बात सही साबित हुई। आखिरकार 21 जून को जबीउद्दीन उर्फ अबू जिंदाल उर्फ अबू हमजा को भारत लाया गया।
अब ये बात भी सामने आ रही है कि अबू हमजा की गिरफ्तारी की इतनी लम्बी प्रक्रिया से विदेश मंत्रालय पूरी तरह से अनजान रहा हालांकि अबू हमजा की गिरफ्तारी के बाद सरकार की तरफ से जो पहला बयान आया वह विदेशमंत्री एसएम कृष्णा का था लेकिन अब सूत्रों से यह बात सामने आ रही है कि खुद एसएम कृष्णा को अबू हमजा की गिरफ्तारी की जानकारी टीवी चैनलों से मिली है। कहा जा रहा है कि इस पूरी मुहिम से विदेश मंत्रालय बेखबर रहा।
साल 2006 में औरंगाबाद से 30 किलो आरडीएक्स 10 एके 47, 2000 कारतूस बरामद किए गए थे। इस केस में भी जबीउद्दीन अंसारी का उर्फ हमजा का नाम आया था लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस घटना के बाद हमजा मुंबई में एमएलए हॉस्टल में कुछ वक्त अपने साथी के साथ रहा।
एमएलए हॉस्टल का यह कमरा उस वक्त मौजूदा स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री और उस वक्त विधायक फौजिया खान के नाम था। वैसे फौजिया कह रही हैं हमास से उनका कोई लेना-देना नहीं है इस मामले पर बीजेपी फौजिया का इस्तीफा मांग रही है।
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Abu Hamza, Hamza Custody Case In Court, अबू हमजा, हमजा की कस्टडी को लेकर केस, 26/11, Mumbai Blast, मुंबई धमाके