रिमांड कॉपी सच या सीसीटीवी तस्वीरें, मुंबई पुलिस पर उठे सवाल

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मुंबई:

मुंबई पुलिस की कार्यशैली फिर सवालों के घेरे में है। आरोप लगा है पायधुनी पुलिस स्टेशन के अफसरों पर। मामला 16 अप्रैल का है, जब उसने तड़के दो आरोपियों को ट्रैप लगाकर पी डिमेलो रोड से अवैध देसी कट्टे, कारतूस और कोयते के साथ पकड़ने का दावा किया, जबकि ठीक 20 मिनट पहले कुछ पुलिसवाले एक हिस्ट्रीशीटर के साथ वडाला इलाके से दोनों आरोपियों को जबरन होंडा कार में धकेलते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

16 अप्रैल को पुलिस ने दोनों आरोपियों मोहम्मद नगन हुसैन जिनकी उम्र 46 साल है, जबकि 24 साल के मोहम्मद इसरार हुसैन को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट से 22 अप्रैल तक उनकी रिमांड भी ले ली।

एनडीटीवी के पास मौजूद रिमांड कॉपी के मुताबिक पुलिस ने अदालत को बताया कि उसे ख़ुफिया जानकारी मिली थी कि दोनों आरोपी सुबह 5 बजे के आसपास मस्जिद बन्दर इलाके में किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले हैं, उनके पास हथियार होने की जानकारी भी उसके पास थी।

जिसके बाद पुलिस ने बाकायदा अपनी टीम के साथ जाल बिछाया और 5 बजते ही आरोपी आ गये, जिसके बाद पुलिस ने उनकी गाड़ी रोककर तलाशी तो आरोपियों के पास से 4 जिन्दा कारतूस सहित 1 देसी कट्टा और कोयता बरामद हुआ।

पूछताछ के बाद यह पता चला कि ये लोग जिस गाड़ी में हैं वह कार किसी और की है और उसी शख्स ने इन लोगों को देसी रिवाल्वर भी दिया था जो कि अब फरार है। लेकिन किदवई नगर वडाला के नेशनल मार्केट में मौजूद सीसीटीवी की तस्वीरों में दिख रहा है कि इन दोनों लोगों को पुलिस 16 अप्रैल की सुबह 4 बज कर 38 मिनट पर जबरदस्ती पकड़ कर ले जा रही है, इन्हें मारपीट कर उसी कार में बैठाकर ले जाती है।

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नेशनल मॉर्केट के सलाहकार यासीन शेख के मुताबिक जिस शख्स को पुलिस फरार बता रही है, वो उनके साथ ही सुबह 4.30 बजे आया था। बचाव पक्ष ने सीसीटीवी फुटेज अदालत में सौंप दिया है। अदालत के आदेश के बाद फुटेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेज दिया गया है। इस मामले में पुलिस के कई आला अधिकारियों से हमने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।