मुंबई:
मुंबई से सटे नवी मुंबई में बैंक से पैसे निकालने वाले लोगों एक गिरोह के निशाने पर हैं। यह गैंग इतना शातिर है कि वारदात को अंजाम देने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करता है।
ऐसी ही एक वारदात को बाद 12 साल के आरोपी ने पुलिस को बताया कि वारदात में साथ नहीं देने पर ना सिर्फ इनके साथ मारपीट की जाती है, बल्कि गैंग के लोग इन्हें सिगरेट का चटका भी देते हैं।
शुक्रवार को नवी मुंबई के वाशी इलाके में रविंद्र सालुंखे, एक निजी बैंक से लाखों रुपये निकालकर बाहर जा रहे थे। ठगों की नजरें पहले से ही उन पर थीं, तभी किसी ने उनसे कहा कि उनके कपड़ों पर गंदगी लगी है। इतनी देर में बच्चा उनके कपड़े साफ करने लगा, तभी गिरोह के बाकी सदस्य पैसों पर हाथ साफ करने की कोशिश करने लगे। सालुंखे को शक हुआ... पैसे तो बच गए। मामला बिगड़ता देख गिरोह के बाकी सदस्य तो भाग गए, सिर्फ ये बच्चा पकड़ा गया।
वाशी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर राम पठारे ने एनडीटीवी से कहा कि गिरोह के लोग जानबूझ कर बच्चे का इस्तेमाल करते हैं, ताकि पूछताछ में कोई बात सामने ना आए और राज़ ना खुले।
बच्चे की मेडिकल जांच में पुलिस को पता लगा कि गुनाह करने से इनकार करने पर उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा जाता था, बल्कि उन्हें कई अमानवीय यातनाएं भी दी जाती थीं।
पठारे ने कहा है कि उसकी पीठ पर पुराने ज़ख्म के निशान थे, हो सकता है, घर के लोग इन्हें ऐसे करते हों, इस बिंदू से भी हम जांच कर रहे हैं।
पुलिस इस गिरोह के बाकी लोगों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। हाल फिलहाल में ही एक शख्स से इसी तरह 6 लाख रुपयों की लूट हुई थी।
ऐसी ही एक वारदात को बाद 12 साल के आरोपी ने पुलिस को बताया कि वारदात में साथ नहीं देने पर ना सिर्फ इनके साथ मारपीट की जाती है, बल्कि गैंग के लोग इन्हें सिगरेट का चटका भी देते हैं।
शुक्रवार को नवी मुंबई के वाशी इलाके में रविंद्र सालुंखे, एक निजी बैंक से लाखों रुपये निकालकर बाहर जा रहे थे। ठगों की नजरें पहले से ही उन पर थीं, तभी किसी ने उनसे कहा कि उनके कपड़ों पर गंदगी लगी है। इतनी देर में बच्चा उनके कपड़े साफ करने लगा, तभी गिरोह के बाकी सदस्य पैसों पर हाथ साफ करने की कोशिश करने लगे। सालुंखे को शक हुआ... पैसे तो बच गए। मामला बिगड़ता देख गिरोह के बाकी सदस्य तो भाग गए, सिर्फ ये बच्चा पकड़ा गया।
वाशी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर राम पठारे ने एनडीटीवी से कहा कि गिरोह के लोग जानबूझ कर बच्चे का इस्तेमाल करते हैं, ताकि पूछताछ में कोई बात सामने ना आए और राज़ ना खुले।
बच्चे की मेडिकल जांच में पुलिस को पता लगा कि गुनाह करने से इनकार करने पर उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा जाता था, बल्कि उन्हें कई अमानवीय यातनाएं भी दी जाती थीं।
पठारे ने कहा है कि उसकी पीठ पर पुराने ज़ख्म के निशान थे, हो सकता है, घर के लोग इन्हें ऐसे करते हों, इस बिंदू से भी हम जांच कर रहे हैं।
पुलिस इस गिरोह के बाकी लोगों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। हाल फिलहाल में ही एक शख्स से इसी तरह 6 लाख रुपयों की लूट हुई थी।
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