नई दिल्ली:
मुंबई से अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को 250 से 3,000 रुपये तक किराया देना होगा, जो उनके गंतव्य पर निर्भर करेगा. प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की ‘टॉप स्पीड’ 320 किमी/घंटा होगी. इसका परिचालन 2022 तक शुरू होने की उम्मीद है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के संभावित किराये का पहला आधिकारिक संकेत देते हुए ‘नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड’(एनएचएसआरसीएल) के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने मीडिया कर्मियों को बताया कि किराये की यह दर मौजूदा अनुमानों और हिसाब पर आधारित है. उन्होंने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच का किराया 3,000 रुपये होगा, जबकि बांद्रा - कुर्ला कॉम्पलेक्स और ठाणे के बीच किराया 250 रुपये होगा.
खरे ने बताया कि एक ‘बिजनेस क्लास’ होगा और इसका किराया 3,000 रुपये से अधिक रहने की संभावना है. एक अधिकारी ने बताया कि ठाणे और बांद्रा - कुर्ला कॉम्पलेक्स के बीच हाई स्पीड ट्रेन से यात्रा में 15 मिनट का समय लगेगा और इसका किराया 250 रुपये होगा. जबकि, टैक्सी से करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है और 650 रुपये अदा करना होता है. उन्होंने बताया कि किराया एसी प्रथम श्रेणी के किराये से डेढ़ गुना ज्यादा होगा. एक ट्रेन में 10 डिब्बे होंगे, जिसमें से एक ‘बिजनेस क्लास’ होगा. खरे ने बताया कि परियोजना के तहत निर्माण कार्य इस साल दिसंबर में शुरू हो सकता है क्योंकि उस वक्त तक भूमि अधिग्रहण हो जाने की उम्मीद है.
यह भी पढ़ें : अब चीन में दौड़ेगी 600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन, प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी
मंत्रालय को परियोजना के लिए 1,415 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी और इसने अधिग्रहण के लिए 10,000 करोड़ रुपया मंजूर किया है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी कर चुकी है. अधिकारी ने यह भी बताया कि क्रियान्वयन प्राधिकरण में 3,000 - 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा जबकि परियोजना के निर्माण चरण के दौरान 30,000 - 40,000 कामगारों को काम पर रखा जाएगा.
VIDEO : बुलेट ट्रेन के देश में NDTV के साथ प्राइम शो
परियोजना में जापान की अधिक भागीदारी होने की खबरों को खारिज करते हुए खरे ने कहा कि उसकी सिर्फ 18.6 प्रतिशत भागीदारी होगी और उनका योगदान कुछ ही खंडों तक सीमित होगा, जैसे कि अहमदाबाद और वडोदरा के बीच कॉरीडोर बनाना और समुद्र के नीचे सुरंग बनाना. उन्होंने बताया कि भारतीय ठेकेदार 460 किमी का काम करेंगे जबकि जापान समुद्र के नीचे सिर्फ 21 किमी का निर्माण कार्य करेगा. खरे ने कहा कि सुरक्षा और समय पालन हाई स्पीड कॉरीडोर की विशेषता होगी. उन्होंने बताया कि भारत से 360 लोगों को प्रशिक्षण के लिए जापान भेजा जाएगा, जिनमें से 80 को वहां जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने बताया कि करीब 80 जापानी नागरिक भारतीय अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं. जहां तक विलंब की बात है यह 40 सेकेंड से अधिक नहीं होगा. बुलेट ट्रेन प्रतिदिन मुंबई - अहमदाबाद के बीच 70 फेरे लेगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खरे ने बताया कि एक ‘बिजनेस क्लास’ होगा और इसका किराया 3,000 रुपये से अधिक रहने की संभावना है. एक अधिकारी ने बताया कि ठाणे और बांद्रा - कुर्ला कॉम्पलेक्स के बीच हाई स्पीड ट्रेन से यात्रा में 15 मिनट का समय लगेगा और इसका किराया 250 रुपये होगा. जबकि, टैक्सी से करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है और 650 रुपये अदा करना होता है. उन्होंने बताया कि किराया एसी प्रथम श्रेणी के किराये से डेढ़ गुना ज्यादा होगा. एक ट्रेन में 10 डिब्बे होंगे, जिसमें से एक ‘बिजनेस क्लास’ होगा. खरे ने बताया कि परियोजना के तहत निर्माण कार्य इस साल दिसंबर में शुरू हो सकता है क्योंकि उस वक्त तक भूमि अधिग्रहण हो जाने की उम्मीद है.
यह भी पढ़ें : अब चीन में दौड़ेगी 600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन, प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी
मंत्रालय को परियोजना के लिए 1,415 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी और इसने अधिग्रहण के लिए 10,000 करोड़ रुपया मंजूर किया है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी कर चुकी है. अधिकारी ने यह भी बताया कि क्रियान्वयन प्राधिकरण में 3,000 - 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा जबकि परियोजना के निर्माण चरण के दौरान 30,000 - 40,000 कामगारों को काम पर रखा जाएगा.
VIDEO : बुलेट ट्रेन के देश में NDTV के साथ प्राइम शो
परियोजना में जापान की अधिक भागीदारी होने की खबरों को खारिज करते हुए खरे ने कहा कि उसकी सिर्फ 18.6 प्रतिशत भागीदारी होगी और उनका योगदान कुछ ही खंडों तक सीमित होगा, जैसे कि अहमदाबाद और वडोदरा के बीच कॉरीडोर बनाना और समुद्र के नीचे सुरंग बनाना. उन्होंने बताया कि भारतीय ठेकेदार 460 किमी का काम करेंगे जबकि जापान समुद्र के नीचे सिर्फ 21 किमी का निर्माण कार्य करेगा. खरे ने कहा कि सुरक्षा और समय पालन हाई स्पीड कॉरीडोर की विशेषता होगी. उन्होंने बताया कि भारत से 360 लोगों को प्रशिक्षण के लिए जापान भेजा जाएगा, जिनमें से 80 को वहां जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने बताया कि करीब 80 जापानी नागरिक भारतीय अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं. जहां तक विलंब की बात है यह 40 सेकेंड से अधिक नहीं होगा. बुलेट ट्रेन प्रतिदिन मुंबई - अहमदाबाद के बीच 70 फेरे लेगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं