तालिबान नेता मुल्ला बरादर (Taliban Leader Mullah Baradar) ने उनकी मौत की खबरों को लेकर चल रही अफवाहों को खारिज किया है. अफगानिस्तान के उप प्रधानमंत्री (Afghanistan Deputy Prime Minister) मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने खुद ऐसी अफवाहों पर विराम लगाने के लिए एक ऑडियो संदेश जारी किया और इसे गलत बताया. इस्लामिक एमीरेट्स ऑफ अफगानिस्तान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम के ट्विटर अकाउंट से यह ऑडियो संदेश पोस्ट किया गया है. मालूम हो कि पहले माना जा रहा था कि मुल्ला बरादर तालिबान की नई सरकार में प्रधानमंत्री होंगे. हालांकि बाद में कट्टरपंथी नेता मोहम्मद अखुंद को पीएम चुना गया.
तालिबान की नई सरकार में मुल्ला बरादर औऱ उनके धड़े के अन्य नेताओं को हाशिये पर डाल दिया गया है. तालिबान में सत्ता के बंटवारे को लेकर काफी दिनों तक खींचतान चली थी. खबरें आई थीं कि तालिबान नेताओं में विवाद भी हुआ था और इसमें मुल्ला बरादर को चोटें आई थीं. हालांकि तालिबान ने इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का करीब एक महीना हो रहा है, लेकिन अभी तक कोई बड़ी पहल तालिबान नेताओं की ओर से नहीं दिखी है. तालिबान ने लड़कियों की पढ़ाई और खेलकूद की इजाजत तो दे दी है, लेकिन ऐसी बंदिशें लगा दी हैं कि उनके लिए आगे बढ़ना बेहद मुश्किल लग रहा है.
तालिबान की नई सरकार में ज्यादातर नेता हक्कानिया मदरसे पढ़े लिखे हैं, जो कट्टरपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं. तालिबान के कई नेता यूएन द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में हैं. उनके सिर पर लाखों डॉलर का इनाम भी रखा गया है.
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