यह ख़बर 13 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सोनिया की पसंद ठुकराई, ममता-मुलायम ने सुझाए कलाम, मनमोहन, सोमनाथ

खास बातें

  • कांग्रेस पार्टी ने देर शाम यह घोषणा की कि उनकी पसंद का ही उम्मीदवार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करेगा। प्रधानमंत्री के विदेश से लौटने के बाद इस मामले पर चर्चा की जाएगी।
नई दिल्ली:

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने झटका देते हुई राष्ट्रपति पद के लिए उनके सुझाए नामों को किनारे कर दिया है। इतना ही नहीं नेता द्वय ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तीसरा नाम पूर्व लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सुझाया है।

राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के लिए मुलायम सिंह यादव और ममता बनर्जी ने बुधवार को तीन नामों पर चर्चा की है। दोनों नेताओं का कहना है कि यदि इन तीनों नामों पर एक सहमति बन जाती है तो वह स्वागत योग्य होगा।

वहीं, इस खबर के बाद एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि अब यह जरूरी है कि सभी पार्टियों से एक बार फिर बातचीत की जाए। ममता और मुलायम के बयान पर उनका कहना है कि किसी एक नाम पर उनका कुछ कहना फिलहाल ठीक नहीं है।

सपा और तृणमूल कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए सुझाए गए तीन नामों पर भाजपा ने आज चर्चा की लेकिन कहा कि कांग्रेस द्वारा इस शीर्ष संवैधानिक पद के उम्मीदवार की घोषणा किए जाने के बाद ही वह अपनी प्रतिक्रिया देगी।

उधर देर शाम पीएमओ कार्यालय के मंत्री नारायणसामी वित्तमंत्री से मिलने गए और बातचीत का ब्योरा हासिल नहीं हो पाया है। कांग्रेस पार्टी ने देर शाम यह घोषणा की कि उनकी पसंद का ही उम्मीदवार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करेगा। सूत्र यह भी बता रहे हैं प्रधानमंत्री के विदेश से लौटने के बाद इस मामले पर चर्चा की जाएगी और राष्ट्रपति पद के लिए नाम भी अंतिम फैसला पीएम के स्वदेश आने पर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि कुछ घंटों पहले ही ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद कहा कि अपनी पार्टी तृणमूल के नेताओं से सलाह लेकर वह कोई अंतिम फैसला लेंगी। वैसे ममता ने साफ किया कि राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहली पसंद प्रणब मुखर्जी ही हैं, जबकि दूसरी पसंद के तौर पर वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को वह शीर्ष पद पर देखना चाहती हैं।

इस मुलाकात के बाद ममता बनर्जी सीधे मुलायम सिंह यादव के घर गईं और कहा जा रहा है कि वहां पर भी ममता बनर्जी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के बारे में चर्चा करेंगी।

इससे पहले, कांग्रेस व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर दिल्ली पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की सोनिया से हुई मुलाकात से पहले सूत्रों ने जानकारी दी थी कि ममता की लिस्ट में प्रणब मुखर्जी का नाम सबसे नीचे है, जबकि उनकी पसंद के तौर  पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल गांधी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा  कुमार और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम सूत्रों ने बताए थे।

हालांकि सोनिया से मुलाकात से पहले मंगलवार को ममता की समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलना नए समीकरण की सुगबुगाहट के तौर पर देखा जा रहा था और माना जा रहा था कि ममता ने राष्ट्रपति पद की यूपीए की ओर से उम्मीदवारी के लिए वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी के नाम पर सहमति दे दी है। उन्होंने कहा भी था कि इस बात से उन्हें खुशी होगी, यदि देश के इस सर्वोच्च पद पर बंगाल का कोई नेता आए। परन्तु उनकी यह भी इच्छा है कि कांग्रेस पहले अपने पत्ते खोले, और उम्मीदवार के रूप में प्रणब के नाम का ऐलान करे।

दूसरी ओर, कांग्रेस अपनी ओर से उम्मीदवार चुनने का अधिकार सोनिया गांधी को दे चुकी है, लेकिन उन्हें यह भी ध्यान है कि कांग्रेस के पास अपने इतने वोट नहीं हैं कि वे अपने उम्मीदवार को निश्चित जीत दिला सकें, इसलिए मुलायम सिंह की सपा और ममता की तृणमूल का साथ कांग्रेस के लिए अनिवार्य होगा, और शायद इसीलिए सोनिया गांधी अपनी ओर से उम्मीदवार का ऐलान करने से पहले पूरी तसल्ली कर लेना चाहती हैं। फिलहाल कांग्रेस का दावा है कि इस मामले में पूरा यूपीए एक है, और उनके इस दावे को इस बात से भी बल मिलता है कि मायावती की बीएसपी, और करुणानिधि की डीएमके भी प्रणब के नाम पर सहमति जता चुके हैं।

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यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस शुक्रवार, 15 जून तक यह मसला निपटा लेना चाहती है, और इसीलिए प्रणब ने 14 तारीख से शुरू होने वाला अपना काबुल दौरा रद्द कर दिया है, जिससे फिर अटकलें लगने लगी हैं। इस मुद्दे में यह जानकारी भी अहम है कि प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह 16 जून से ब्राज़ील व मैक्सिको की यात्रा पर जा रहे हैं, और जल्द ही यूपीए अध्यक्ष भी इलाज के लिए विदेश जाने वाली हैं। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी ऐसा बयान दिया है, जो इशारों में ही सही, प्रणब के हक में जा रहा है, सो, सारे इशारे यही बता रहे हैं कि प्रणब देश के नए महामहिम बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन मुश्किल सिर्फ इतनी है कि कांग्रेस ने अभी आधिकारिक तौर पर उनका नाम नहीं लिया है।