मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले की सुनवाई कर रहे जज ने पुलिस पर झूठे आरोप लगाने और अप्रिय घटाने कराने की आशंका जताई है. हटा के द्वितीय अपर सत्र न्यायालय में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले की सुनवाई चल रही है. पथरिया से बीएसपी विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह मामले में मुख्य आरोपी हैं. मामले की सुनवाई कर रहे द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने स्वयं पर पुलिस द्वारा भविष्य में गंभीर मिथ्या आरोप लगाने और कोई अप्रिय घटना करने की आशंका जताई है.
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने एक ऑर्डर सीट में लिखा है कि जिस मामले की वे सुनवाई कर रहे हैं, इसकी कार्रवाई उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर की जा रही है. मगर अभियुक्तगण अत्यधिक प्रभावशाली और राजनीतिक हैं. उनके खिलाफ माननीय जिला न्यायाधीश महोदय को आवेदन कर चुके हैं. जिसे जिला न्यायाधीश ने मिथ्या पाया और आवेदन भी निरस्त कर दिया, लेकिनअब अभियुक्तगण पुलिस के साथ मिलकर उनके खिलाफ झूठा और मनगढंत दबाव बनाया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी भविष्य में उनके खिलाफ गंभीर मिथ्या आरोप लगा सकते हैं और कोई अप्रिय घटना की जा सकती है. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने इस प्रकरण को किसी अन्य न्यायालय में स्थानांतरित करने की अपेक्षा सत्र न्यायाधीश से की है.
मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा मुझे नहीं मालूम किस परिपेक्ष्य में लिखा है लेकिन मप्र सुचारू रूप से चल रहा है, ये स्थिति कांग्रेस के वक्त जरूर थी. 15 महीने में अराजाकता का माहौल बनाया था, सरकार बचाने के लिये 15 महीने में लोगों को गिरफ्तार नहीं किया. हमने कभी किसी को संरक्षण नहीं दिया ना दिया जाएगा, मध्यप्रदेश में अपराधी की जगह सींखचों के पीछे है ये सुनिश्चित होगा.
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरूण भनोट ने कहा ये जो मुद्दा आप कह रहे हैं बहुत गंभीर है, अगर जज महोदय को लगेगा कि उनकी जान को खतरा है. कानून व्यवस्था की समीक्षा सरकार को करना चाहिये एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते इस मुद्दे को हम सदन में उठाएंगे.
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