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This Article is From Apr 27, 2021

दिल्ली में कोविड सेंटर के बाहर मां की ऑटो में मौत हो गई, बेटा मदद के लिए गुहार लगाता रहा

मुकुल ने कहा- उन्होंने मेरी मां को मार डाला, अब मैं उसे कहां ले जाऊंगा? मैं यहां खड़ा था और घंटों इंतजार कर रहा था, वे मुझसे औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहते रहे...

दिल्ली में कोविड सेंटर के बाहर मां की ऑटो में मौत हो गई, बेटा मदद के लिए गुहार लगाता रहा
दिल्ली में कोविड सेंटर के बाहर ऑटो रिक्शे में इलाज न होने के कारण महिला की मौत हो गई.
नई दिल्ली:

Delhi Coronavirus: दिल्ली में कोविड फैसिलिटी (Covid Facility) के बाहर आज एक व्यक्ति फुटपाथ पर रो रहा था क्योंकि उसकी मां का शव पास में ही खड़े एक ऑटो-रिक्शे में पड़ा था. उसने कोविड फैसिलिटी में मां का इलाज कराने के लिए कई घंटों तक संघर्ष किया. 28 वर्षीय मुकुल व्यास अपनी मां को आज सुबह दक्षिणी दिल्ली के सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड केयर सेंटर में ले आए थे लेकिन सेंटर के गेट नहीं खुले. यह सेंटर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा संचालित किया जा रहा था. 

तीन घंटे बाद 52 वर्षीय किरण व्यास की मृत्यु उसी ऑटो में हो गई जिसमें उनका बेटा उन्हें लाया था. मुकुल के भाई ने मां के सीने पर पंप करके उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

मुकुल रो पड़ा, उसने कहा, "उन्होंने मेरी मां को मार डाला. अब मैं उसे कहां ले जाऊंगा? मैं यहां खड़ा था और घंटों इंतजार कर रहा था. वे मुझसे औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहते रहे... मैं चिल्लाता रहा और मदद के लिए रोता रहा लेकिन कोई नहीं आया. अब मेरी मां मर चुकी है.” 

अन्य औपचारिकताओं के अलावा मुकुल से अपनी मां को भर्ती कराने के लिए एक जिला निगरानी अधिकारी रिफरेंस लाने के लिए कहा गया था. मुकुल का दुख असीम था क्योंकि उन्होंने औपचारिकताएं पूरी करने के लिए ही घंटों मशक्कत की थी. उन्होंने कहा "जब कोई मर रहा है, तब क्या मेरे पास 100 औपचारिकताएं पूरी करने का समय है? किसी ने भी मदद नहीं की ..." 

सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सेंटर में पूरी तरह से अव्यवस्थाओं का आलम था. मरीजों के रिश्तेदार उन्हें राधा स्वामी सत्संग के 500-बेड के कोविड सेंटर में भर्ती करने के लिए इंतजार करते रहे.

एक अन्य मरीज 40 वर्षीय सुरिंदर साजवान को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी. वह अपनी पत्नी के पास फुटपाथ पर बैठे थे. चूंकि सेंटर में कोई आईसीयू या वेंटिलेटर बेड नहीं है, इसलिए 85 से नीचे के ऑक्सीजन स्तर वाले लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. सुरिंदर की हालत खराब होती रही.

पीपीई सूट पहने हुए एक व्यक्ति ने कहा, "हमसे सभी रजिस्ट्रेशन कराए गए और फिर भी मैं यहां सुबह 10 बजे से भोजन और पानी के बिना इंतजार कर रहा हूं. हमारे मरीज की स्थिति खराब है." 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आश्वासन दिया है कि पूरे दिल्ली में अधिक आईसीयू बेडों का इंतजाम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगभग मौजूदा आईसीयू बेड भरे हुए हैं. जीटीबी अस्पताल और मुख्य रामलीला ग्राउंड के पास 500 आईसीयू बेड हैं. राधा स्वामी कॉम्प्लेक्स (सरदार पटेल कोविड सेंटर) में 200 आईसीयू बेड हैं. करीब 1200 आईसीयू बेड 10 मई तक तैयार हो जाएंगे. 

देशव्यापी कोरोना संकट में दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित शहर है. राजधानी में सोमवार को 380 मौतें दर्ज की गईं, जो एक दिन में सबसे अधिक हैं. पॉजिटिविटी रेट 35 प्रतिशत से अधिक है.

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